हुक्का-पानी बंद : पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द, भारत छोड़ने का आदेश
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी घटना के बाद सरकार का अहम फैसला




पीएम की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक के बाद सरकार एक्शन में
दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आंतकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। सऊदी अरब का दौरा रद्द कर वापस दिल्ली लौटे पीएम मोदी ने सीसीएस की अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार ने आतंकवाद पर चोट देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं। इनमें पांच महत्वूपर्ण फैसले हैं। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक है। इसके अलावा भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर एक मई तक उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है। सरकार के इन फैसलों से आतंकवाद के सरगनाओं के साथ पाकिस्तानी हुकूमत पर चोट लगना तय है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहाकि आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने ये पांच फैसले किये हैं।

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति के फैसले
1. सिंधु जल समझौता किया गया स्थगित, पाकिस्तान को अब पानी नहीं मिलेगा जैसा पहले मिलता था
2. अटारी बॉर्डर से सभी प्रकार की आवाजाही तत्काल प्रभाव से रोकी गई
3. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए, उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश
4. नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ’पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है। भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे। दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 1 मई तक पूरी कर ली जाएगी।
5. नई वीजा नीति के तहत किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को वीजा जारी नहीं किया जाएगा, अगली सूचना तक प्रतिबंध लागू रहेगा।

खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ेगी
सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80 प्रतिशत पानी मिलता है। यह उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा। इससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है।


