
बड़े एक्शन की तैयारी? शीर्ष रक्षा अधिकारियों संग बैठक में PM मोदी ने कहा-नीति और तिथि सेना तय करे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाई उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक




भारत की तैयारियां देखकर पाकिस्तान में मचा है हड़कंप
दिल्ली,भदैनी मिरर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सेना के वर्दी में आये आतंकियों द्वारा 26 पर्यटकों सहित 27 लोगों की हत्या के बाद भारत लगातार सख्त रुख अख्तियार कर रहा है। मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान सहित तीनों सेना के प्रमुख शामिल रहे। सूत्रों के मुताबिक पीएम आवास पर चले करीब डेढ़ घंटे की बैठक में पीएम ने सैन्य बलों को खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि सेना तय करें की कैसे जबाब देगी। शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ पीएम की मिटिंग खत्म होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह पीएम आवास पहुंचे। बैठक चल रही है।

पहलगाम हमले के बाद भारत के सख्त रुख से उधर पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ पीएम की बैठक और लगातार रक्षा मंत्री से हालात और तैयारियों पर रिपोर्ट लेना साफ़ करता है कि ना" पाक के खिलाफ भारत बड़े एक्शन की तैयारी में है।
इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में स्पष्ट कहा कि कायराना हमले के पीछे जिम्मेदार आतंकियों और उनके सरपरस्तों को "धरती के आखिरी कोने से भी खोजकर सबसे सख्त सजा दी जाएगी"। इसके बाद मन के बात में भी आतंक की फैक्ट्री चला रहे पकिस्तान को साफ़ कर दिया कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा। पीएम के बयान और सख्त रुख के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री सहित अन्य नेताओं ने गीदड़ भभकी देनी शुरु कर दी है। पाक के रक्षा मंत्री ने कहा है कि भारत की ओर से हमला निश्चित है, हम युद्ध के लिए तैयार है। खबर के मुताबिक पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पाक के वायु सैनिक अभ्यास में जुटे है.


वहीं भारत के जवानों के जोश हाई है। यह बात सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री से उनके आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात के दौरान बताई है। वहीं, सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री को पहलगाम हमले के बाद उठाए गए सैन्य कदमों की जानकारी दी।

केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई, जिसमें विपक्षी दलों ने आतंकवाद के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए सरकार को पूर्ण समर्थन देने की बात कही। यह राजनीतिक एकजुटता भारत की आतंक के खिलाफ एक सशक्त रणनीति का संकेत देती है।
हमले के एक दिन बाद कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक हुई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह हमला सीमा पार से संचालित आतंकवाद से जुड़ा है। सूत्रों के अनुसार, यह हमला जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतिपूर्ण चुनाव और तेजी से हो रही आर्थिक प्रगति को बाधित करने की साजिश का हिस्सा था।

