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Indus Water Treaty पर भारत के फैसलों से तिलमिलाया पाकिस्तान,इस बात को लेकर मचाया शोर

चिनाब नदी पर दुलहस्ती प्रोजेक्ट स्टेज-2 को मिली मंजूरी, पाकिस्तान ने भारत पर लगाया ‘पानी को हथियार बनाने’ का आरोप

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नई दिल्ली। सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) को लेकर भारत के एक और बड़े फैसले से पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने चिनाब नदी पर दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण (Stage-2) को मंजूरी दे दी है। यह अनुमति 27 दिसंबर को दी गई, जिसके बाद पाकिस्तान में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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पाकिस्तान की सांसद और पूर्व मंत्री शेरी रहमान ने भारत पर सिंधु जल समझौते के उल्लंघन और “पानी को हथियार बनाने” का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर भारत सरकार के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया।

 

शेरी रहमान का आरोप

शेरी रहमान ने लिखा कि “भारत द्वारा दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट स्टेज-2 को मंजूरी देना सिंधु जल समझौते का उल्लंघन है। कोई भी फैसला एकतरफा नहीं लिया जा सकता।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान का अधिकार चिनाब, झेलम और सिंधु नदी के पानी पर है, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का अधिकार मिला हुआ है। रहमान ने आरोप लगाया कि भारत ने “अवैध तरीके से” सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया है।

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भारत की परियोजनाओं पर पाकिस्तान की आपत्ति

शेरी रहमान ने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में कई विवादित जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया है। इनमें- सावलकोट, रेटल, बड़सर,  पाकल डुल, क्वार, कीरू, किरथाई और अब दुलहस्ती प्रोजेक्ट स्टेज-2 शामिल हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि इन परियोजनाओं से उसके जल हितों को नुकसान पहुंच सकता है।

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदला रुख

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 22 पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी गई थी। जांच में पाकिस्तानी आतंकियों की संलिप्तता सामने आने के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का फैसला लिया।

इसके बाद से भारत अब पाकिस्तान के साथ नदियों के जल प्रवाह से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं कर रहा है। पाकिस्तान इस मुद्दे को कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा चुका है, लेकिन भारत अपने फैसले पर अडिग है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” यह बयान भारत के सख्त रुख को साफ तौर पर दर्शाता है।

 


दुलहस्ती और सावलकोट प्रोजेक्ट से कितनी बिजली बनेगी?

दुलहस्ती हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट स्टेज-2

  •   क्षमता: 260 मेगावाट

सावलकोट हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट

  •   प्रस्तावित क्षमता: 1856 मेगावाट

भारत सरकार का साफ संदेश है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक सिंधु जल समझौते पर कोई बातचीत नहीं होगी और न ही इसे लागू किया जाएगा।

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