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पहलगाम हमले के बाद बड़ा फैसला: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी बने चेयरमैन

सात सदस्यीय बोर्ड में सेना, पुलिस और विदेश सेवा के अनुभवी अफसर शामिल

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को दी जवाबी कार्रवाई की खुली छूट

NSAB देगा सरकार को रणनीतिक, खुफिया और विदेश नीति पर सलाह

नई दिल्ली, भदैनी मिरर। पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया है। सरकार ने बोर्ड की जिम्मेदारी पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को सौंपी है, जो अब इसके चेयरमैन होंगे। पुनर्गठित सात सदस्यीय बोर्ड में सैन्य, कूटनीतिक और पुलिस सेवाओं से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं।

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ये हैं NSAB के नए सदस्य:

  1. आलोक जोशी – पूर्व प्रमुख,रॉ – चेयरमैन
  2. एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा – पूर्व वेस्टर्न एयर कमांडर
  3. लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह – पूर्व साउदर्न आर्मी कमांडर
  4. रियर एडमिरल मोंटी खन्ना – पूर्व नौसेना अधिकारी
  5. राजीव रंजन वर्मा – सेवानिवृत्त आईपीएस
  6. मनमोहन सिंह – सेवानिवृत्त आईपीएस
  7. बी. वेंकटेश वर्मा – सेवानिवृत्त आईएफएस और रूस में पूर्व भारतीय राजदूत

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यह बोर्ड राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, रणनीतिक मामलों और खुफिया समन्वय जैसे विषयों पर सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव और सलाह देगा। यह कदम भारत की एकीकृत और आक्रामक सुरक्षा नीति को और मजबूती देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।


पहलगाम आतंकी हमले के बाद लगातार रणनीतिक बैठकें

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पिछले सप्ताह दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या के बाद से केंद्र सरकार लगातार सुरक्षा से जुड़ी बैठकों में जुटी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की एक और आपात बैठक बुलाई।

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इसके अलावा कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (CCPA) और आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की भी बैठकें हुईं। अंत में, पूर्ण कैबिनेट बैठक कर व्यापक रणनीति पर विचार किया गया।


बता दें, मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और CDS जनरल अनिल चौहान के साथ करीब डेढ़ घंटे लंबी बैठक की। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा: “आतंकवाद पर करारी चोट करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। सशस्त्र बलों को हमारी प्रतिक्रिया का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता है।”

प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमता पर विश्वास जताया और किसी भी प्रकार के आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की स्पष्ट छूट दी है।

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