Movie prime

International Women's Day 2025 : इंजीनियरिंग छोड़ बनी IPS, जानें कौन है UP की पहली महिला कमिश्नर लक्ष्मी सिंह

इंजीनियरिंग छोड़ चुना देश की सेवा करना
Ad

Ad
 
ips lakshi singh
Ad

IPS Laxmi Singh: महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं और नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। चाहे आकाश हो या धरती, हर जगह उनकी काबिलियत का लोहा माना जा रहा है। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी उत्तर प्रदेश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की है। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग को छोड़कर पुलिस सेवा को अपना करियर बनाया और अपनी सफलता से कई महिलाओं के लिए मिसाल बन गईं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के खास मौके पर आइए जानते हैं 2000 बैच की इस आईपीएस अधिकारी की प्रेरणादायक यात्रा।

Ad

BNS

ips lakshmi singh 1

इंजीनियरिंग छोड़ बनीं आईपीएस अधिकारी

लक्ष्मी सिंह ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया। हालांकि, उनका सपना अलग था, और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा दी। कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने 33वीं रैंक हासिल की और 2004 में पहली पोस्टिंग बतौर एसएसपी पाई।  

Ad

सर्वश्रेष्ठ प्रोबेशनर का सम्मान

- ट्रेनिंग के दौरान, सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल अकादमी (हैदराबाद) से उन्हें बेस्ट प्रोबेशनर का पुरस्कार मिला।  
- 2014 में डेप्युटी आईजी और 2018 में आईजी के पद पर पदोन्नत हुईं।  
- गौतमबुद्ध नगर में एसटीएफ आईजी के रूप में उन्होंने अहम जिम्मेदारी निभाई।  
- मेरठ पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की आईजी रहने के बाद 2020 में लखनऊ ट्रांसफर किया गया।  
- हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें नोएडा का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया, जिससे वह राज्य की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बनीं। 

Ad

Navneeta

ips lakshmi singh 2

सम्मान और उपलब्धियां 

- प्रधानमंत्री की ओर से सिल्वर बटन सम्मान मिला।  
- गृह मंत्रालय ने 9 एमएम पिस्टल पुरस्कार स्वरूप दी।  
- डीआईजी रहते हुए कई इनामी अपराधियों का एनकाउंटर किया, जिसके चलते उन्हें कंप्यूटराइजेशन कार्य के लिए पीएम मोदी से सम्मान प्राप्त हुआ।  
- 2016 में पुलिस मेडल, डीजीपी का सिल्वर और गोल्ड मेडल भी मिला।  
- लखीमपुर खीरी हिंसा (2021) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  

महिला सशक्तिकरण की मिसाल

लक्ष्मी सिंह की कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत रखती हैं। इंजीनियरिंग से आईपीएस बनने तक का उनका सफर यह साबित करता है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

Ad

Ad