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Ax-4 मिशन में ऐतिहासिक सफलता, अंतरिक्ष से सकुशल लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

प्रधानमंत्री मोदी बोले— "गगनयान मिशन की दिशा में मील का पत्थर"
 

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Shubhanshu shukla
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भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताने के बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से पृथ्वी पर की सुरक्षित वापसी
 

भदैनी मिरर डेस्क नई दिल्ली | भारत के लिए आज का दिन अंतरिक्ष विज्ञान में गौरव से भरा रहा। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने Ax-4 (Axiom Mission 4) को सफलतापूर्वक पूरा कर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर वापसी की। स्पेसएक्स के ड्रैगन 'ग्रेस' कैप्सूल से उनकी वापसी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हुई। यह मिशन कुल 18 दिन का था और उन्होंने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ISS पर वैज्ञानिक गतिविधियों में भाग लिया।

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 मिशन की प्रमुख बातें:

  • शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिट्सन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल थे।

  • स्पेसक्राफ्ट ने ISS से भारतीय समयानुसार सोमवार शाम 4:45 बजे अलग होकर 22.5 घंटे की यात्रा के बाद धरती पर लैंडिंग की।

  • यह पहला मौका है जब कोई भारतीय नागरिक निजी अंतरिक्ष मिशन के जरिए अंतरिक्ष से लौटा है।

 नेताओं की प्रतिक्रियाएं:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर शुभांशु शुक्ला की वापसी पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा:

"अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह गगनयान मिशन की दिशा में मील का पत्थर है।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुभांशु शुक्ला के पिता से फोन पर बातचीत कर बधाई दी। उन्होंने कहा:

"यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। हम सबको शुभांशु पर गर्व है।"

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा:

"भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में स्थायी स्थान बना लिया है। यह गर्व का क्षण है।"

 परिवार की भावनाएं:

  • शुचि मिश्रा (बहन): "यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है... हम बहुत उत्साहित हैं।"

  • आशा शुक्ला (मां): "जब लैंड हो रहा था तब थोड़ा डर लगा, पर ईश्वर ने उसे सुरक्षित वापस भेजा।"

🌌 भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय:

शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत के गगनयान मिशन और मानव अंतरिक्ष उड़ानों की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि भारत अब अंतरिक्ष अन्वेषण की वैश्विक दौड़ में पीछे नहीं, बल्कि अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

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