
भारत-पाक तनाव के बीच गृह मंत्रालय का बड़ा कदम, 7 मई को राष्ट्रव्यापी मॉकड्रिल के निर्देश
1971 युद्ध के बाद पहली बार पूरे देश में एक साथ नागरिक सुरक्षा अभ्यास




हवाई हमले, निकासी, बचाव और सामरिक संयंत्रों की सुरक्षा पर रहेगा फोकस
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश जारी किया
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने नागरिक सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी संभावित आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मॉकड्रिल के माध्यम से नागरिकों को हवाई हमलों, युद्ध जैसे हालात और निकासी प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाएगा। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को सतर्कता, सुरक्षा उपायों और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए प्रशिक्षित करना है।


1971 के बाद पहली बार इस स्तर की तैयारी
ध्यान देने वाली बात है कि इस तरह का राष्ट्रव्यापी अभ्यास पिछली बार 1971 में हुआ था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। मौजूदा समय में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई, के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के गुनहगारों को "मिट्टी में मिला देने" की कसम खाई है। इसके बाद से भारत-पाक सीमा पर गोलीबारी और संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं तेज हो गई हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार 11 रातों तक नियंत्रण रेखा पर फायरिंग की गई है, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया।
गृह मंत्रालय के मॉकड्रिल निर्देश में ये गतिविधियां शामिल
1. हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाने की मॉकड्रिल।
2. नागरिकों व छात्रों को आपात सुरक्षा प्रशिक्षण देना।
3. हमले की स्थिति में बचाव के उपायों की जानकारी और पूर्वाभ्यास।
4. महत्वपूर्ण संस्थानों को संरक्षित करने के उपायों की मॉकड्रिल।
5. निकासी योजना को लागू करने और उसका रिहर्सल।
जंग जैसे हालात, नागरिक तैयार
सरकार के इस कदम को आने वाले संभावित खतरे को लेकर सतर्कता और तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। इस व्यापक अभ्यास से देश के नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार किया जाएगा।

