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प्रत्यर्पण से पहले भगोड़े नीरव मोदी को सता रहा पूछताछ और यातनाओं का डर

नीरव मोदी को 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर किया गया था गिरफ्तार, लंदन की जेल में है भगोड़ा

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ब्रिटेन की अदालत में दाखिल की याचिका, मामले को फिर से खोलकर सुनवाई की मांग

नई दिल्ली। लंदन की एक अदालत 23 नवंबर को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की याचिका पर सुनवाई करेगी। नीरव पीएनबी घोटाले का आरोपित है। अदालत नीरव मोदी की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें उसके प्रत्यर्पण मुकदमे को फिर से खोलने की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि अगर नीरव मोदी को भारत ले जाया जाता है तो एजेंसियां उससे पूछताछ कर सकती है। उसे यातनाएं भी दी जा सकती हैं। इस आशंका को देखते हुए उसने मामले को फिर से खोलकर सुनवाई को कहा है।

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नीरव मोदी सुप्रीम कोर्ट तक अपनी सभी कानूनी अपीलें दायर कर चुका हैं। अब उसने प्रत्यर्पण मुकदमे को फिर से खोलने के लिए वेस्टमिंस्टर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में नीरव मोदी ने दलील दी है कि यदि उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया तो विभिन्न एजेंसियां उनसे पूछताछ करेंगी। यातनाएं दी जा सकती हैं। जानकारों के अनुसार इस इस मामले में जांच कर रही एजेंसियां अदालत को अपना पुराना आश्वासन दोहरा सकती हैं कि प्रत्यर्पित किए जाने पर मोदी पर भारतीय कानूनों के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा और एजेंसियों की ओर से उससे कोई पूछताछ नहीं की जाएगी।

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एक अधिकारी ने कहाकि आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है। अभी पूछताछ की जरूरत नहीं है। हमारी जांच पूरी हो चुकी है। लेकिन नीरव मोदी को मुकदमे का सामना करना होगा। मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से धोखाधड़ी से जारी सैकड़ों लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स के जरिए 6,498 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हड़पने का आरोप है। उसके खिलाफ जांच कर रही एजेंसियां एकमत हैं कि उससे पूछताछ की जरूरत नहीं है। भारत की ओर से पहले ही ब्रिटेन को बता दिया गया है कि मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल की बैरक 12 में रखा जाएगा। वहां किसी भी तरह का खतरा नहीं है। चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध है। एजेंसियों ने ब्रिटेन को आश्वासन दिया है कि कोई नया आरोप नहीं लगाया जाएगा।कभी भारतीय आभूषण उद्योग की जानी-मानी हस्ती रहे 54 वर्षीय हीरा व्यापारी नीरव मोदी को 19 मार्च, 2019 को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। वह लगभग छह साल से लंदन की जेल में है।

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