
PM मोदी की पुतिन-जिनपिंग से मीटिंग के बाद नरम पड़े ट्रंप के तेवर, कहा- भारत हमें टैरिफ से मारता है...


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत की व्यापार नीति पर सवाल उठाए हैं। स्कॉट जेनिंग्स रेडियो शो में बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि भारत ने सभी टैरिफ हटाने की पेशकश तभी की जब अमेरिका ने उन पर शुल्क लगाया। ट्रंप ने कहा, “अगर मैंने यह कदम न उठाया होता तो भारत ऐसा प्रस्ताव कभी नहीं देता।”



उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाला देश बताया और कहा, “चीन हमें टैरिफ से मारता है, भारत हमें टैरिफ से मारता है, ब्राजील हमें टैरिफ से मारता है। मैंने टैरिफ को किसी भी इंसान से बेहतर समझा है।” उनके मुताबिक, टैरिफ नीति ने अमेरिका को जबरदस्त मोलभाव करने की ताकत दी है।

रूस से तेल खरीद पर भी तकरार
भारत और अमेरिका के बीच मतभेद तब गहराए जब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर पहले 25% और बाद में 50% तक टैरिफ बढ़ा दिए। वजह थी – भारत का रूस से तेल खरीदना जारी रखना। अमेरिका चाहता था कि भारत यह खरीद बंद करे, लेकिन भारत ने साफ कह दिया कि उसके फैसले बाजार और जनता के हितों पर आधारित हैं।

किसानों के हित सर्वोपरि: मोदी
भारत की ओर से बातचीत जारी रखने का संकेत दिया गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नवंबर तक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) संभव है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी उत्पादकों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा।
हार्ले-डेविडसन का मुद्दा फिर उठा
ट्रंप ने इस बार भी हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस पर 200% ड्यूटी लगाई, जिससे कंपनी को स्थानीय स्तर पर प्लांट शुरू करना पड़ा। उनके अनुसार, ऐसे ऊंचे टैरिफ अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में निवेश की राह मुश्किल बना देते हैं।
अमेरिका में भी ट्रंप की आलोचना
हालांकि, ट्रंप की यह टैरिफ नीति अमेरिका में ही घिरी हुई है। कई अर्थशास्त्री और सांसद मानते हैं कि इस कदम से अमेरिकी उपभोक्ताओं और उद्योगों को ज्यादा नुकसान हुआ। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने तो आरोप लगाया कि पाकिस्तान को तरजीह देकर ट्रंप ने भारत-अमेरिका के लंबे रणनीतिक रिश्तों को कमजोर किया है।

