दिल्ली, भदैनी मिरर। लोकसभा में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर स्पीच दी. उन्होंने यूपी सरकार को जमकर घेरा. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए. महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले. हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई गलती नहीं थी तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?


17 घंटे बाद स्वीकारा


समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की. जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया. ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते.”अखिलेश यादव ने आगे कहा कि “…पुण्य कमाने आए लोग शव लेकर गए, सरकार ने हादसे के आंकड़ों को छिपाया, आंकड़े दबाए, छिपाए और बुलडोजर से मिटाए गए. हादसे के दिन शाही स्नान समय पर नहीं हुआ. सनातन की आदि काल की परम्परा टूटी. लाशे पड़ी थी और हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए.”



इंजन ही नहीं डिब्बे भी टकराने लगे है


समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने भाषण में कहा कि”…मुझे याद है, उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट मीट का सबसे बड़ा आयोजन हुआ था. इन्वेस्टमेंट मीट में न सिर्फ़ निवेशकों को बुलाया गया, बल्कि डिफेंस एक्सपो के भी कई कार्यक्रम हुए. आश्वासन दिए गए कि 40 लाख करोड़ के एमओयू हो रहे हैं. मैं इस डबल इंजन वाली सरकार से जानना चाहता हूं कि 40 लाख करोड़ के जो एमओयू हुए हैं, उनमें से कितने को ये सरकार ज़मीन पर उतार पाई है? क्या ऐसा नहीं है कि सरकार के डबल इंजन आपस में टकरा रहे हैं? अब तो खबरें पढ़ने को मिल रही हैं कि सिर्फ़ इंजन ही नहीं टकरा रहे, डिब्बे भी टकराने लगे हैं.”

