
वाराणसी के हॉस्पिटल में 7 माह की गर्भवती पर सफल ERCP: पूर्वांचल में नई चिकित्सकीय उपलब्धि
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. शिशिरेन्दु परिहार ने उच्च जोखिम वाली गर्भवती मरीज में सफलतापूर्वक किया बिलियरी स्टेंटिंग और क्लियरेंस




वाराणसी,भदैनी मिरर। एपेक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, वाराणसी ने चिकित्सा जगत में एक उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। हॉस्पिटल के वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. शिशिरेन्दु परिहार ने 7 माह की गर्भवती महिला में अत्यंत संवेदनशील एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेएंजियोपैंक्रियाटोग्राफी (ERCP) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।


गर्भवती मरीज को गंभीर बिलियरी संक्रमण और पथरी की समस्या के चलते तत्काल एंडोस्कोपिक हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। जटिलताओं से भरे इस केस में, गर्भावस्था के दौरान रेडिएशन और सेडेशन दोनों का अत्यंत सटीकता से ध्यान रखना जरूरी था।
डॉ. परिहार द्वारा की गई यह बिलियरी क्लीयरेंस और स्टेंटिंग की प्रक्रिया न केवल तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण थी, बल्कि अत्यधिक नैतिक और चिकित्सकीय संतुलन की मांग भी करती थी। उन्होंने यह कार्य निपुणता, करुणा और धैर्य के साथ संपन्न किया।


इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में सेडेशन प्रबंधन की भूमिका निभाई एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक सिंह, डीएनबी रेजिडेंट डॉ. भास्कर पांडे, और वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ राहुल सिंह ने। पूरी टीम ने मिलकर उच्चतम स्तर की समन्वित चिकित्सकीय सेवा प्रदान की।
एपेक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रो. डॉ. एस.के. सिंह ने टीम को बधाई देते हुए कहा,

"यह उपलब्धि हमारे हॉस्पिटल की उन्नत गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी सेवाओं और मरीज-केंद्रित देखभाल के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पूर्वांचल के लोगों के लिए गर्व की बात है कि उन्हें मेट्रो सिटी जैसी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं अब अपने शहर में मिल रही हैं।"
इस उपलब्धि से एपेक्स हॉस्पिटल ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि तकनीकी उत्कृष्टता और मानवीय संवेदना के संयोग से किसी भी चुनौती को सफलता में बदला जा सकता है।

