
पुरुषों में बढ़ रहा प्रोस्टेट कैंसर का खतरा, जानें इसके शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीके


आज की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में सेहत सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है। ऐसे में प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारियों के बारे में जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि यह बीमारी खास तौर पर पुरुषों को प्रभावित करती है।
प्रोस्टेट कैंसर क्या है?
अमेरिकन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, प्रोस्टेट एक छोटी ग्रंथि है जो पुरुषों के प्रजनन तंत्र का हिस्सा होती है। यह मूत्राशय के नीचे और मूत्र नली के आसपास स्थित रहती है। जब इस ग्रंथि की कोशिकाएं असामान्य और तेज़ी से बढ़ने लगती हैं, तो स्थिति प्रोस्टेट कैंसर में बदल जाती है।



कैसे पहचानें इसके शुरुआती संकेत?
अधिकतर मामलों में शुरुआती समय पर यह बीमारी चुपचाप बढ़ती रहती है। हालांकि कुछ लक्षण दिखने पर तुरंत सतर्क होना चाहिए, जैसे:
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बार-बार पेशाब आना
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पेशाब करने में जलन या दर्द होना
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पेशाब रोकने में परेशानी
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रात में कई बार पेशाब के लिए उठना
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कमर या कूल्हे में लगातार दर्द
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
यह बीमारी आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में पाई जाती है। इसलिए इस उम्र के बाद नियमित जांच बेहद ज़रूरी मानी जाती है।

जांच और इलाज
प्रोस्टेट कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टर दो मुख्य जांच करते हैं:
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डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE) – जिसमें डॉक्टर प्रोस्टेट ग्रंथि की जांच करते हैं।
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पीएसए टेस्ट (Prostate-Specific Antigen) – खून की जांच से प्रोस्टेट में असामान्यता का अंदाज़ा लगाया जाता है।
अगर बीमारी शुरुआती स्टेज में पकड़ में आ जाए तो इलाज आसान हो जाता है। उपचार में सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी शामिल हो सकती हैं। वहीं कुछ मामलों में डॉक्टर केवल नियमित निगरानी और जांच की सलाह भी देते हैं।


