
पैनेसिया हॉस्पिटल ने भ्रामक खबर का किया कड़ा खंडन, कहा– आयुष्मान योजना भुगतान पूर्णतः पारदर्शी और नियमों के अनुरूप
वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित पैनेसिया हॉस्पिटल ने कहा – अस्पताल के खिलाफ प्रसारित असत्य, निराधार और जनमानस को गुमराह करने वाला



वाराणसी। दुर्गाकुंड स्थित पैनेसिया हॉस्पिटल ने शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से एक कथित भ्रामक समाचार का कड़ा खंडन किया है। अस्पताल ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) से संबंधित भुगतान को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबर पूरी तरह असत्य, भ्रामक और तथ्यहीन है।


अस्पताल प्रशासन ने कहा कि इस प्रकार की खबरें अस्पताल की साख और समाज के विश्वास को नुकसान पहुंचाने वाली हैं। पारदर्शी चिकित्सा सेवा को लेकर प्रश्नचिह्न खड़ा करना अनुचित है। यह प्रेस विज्ञप्ति अस्पताल के निदेशक डॉक्टर आशुतोष मिश्रा ने जारी की है।
आयुष्मान भारत भुगतान पूरी तरह वैध

पैनेसिया हॉस्पिटल ने बताया कि योजना के तहत प्राप्त सभी भुगतान कानूनी एवं विधिक प्रक्रिया के अनुरूप हैं। किसी भी भुगतान में अनियमितता का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत और मानहानिकारक है।
अस्पताल प्रशासन ने यह भी कहा कि उन्हें अब तक राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) या किसी अन्य सरकारी एजेंसी से कभी कोई नोटिस या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

तकनीकी त्रुटि का भुगतान 15 दिनों में लौटाया
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा बताई गई तकनीकी त्रुटि के कारण शेष राशि का पूरा भुगतान 15 कार्य दिवसों के भीतर वापस कर दिया गया। इसमें टीडीएस (ITR) की राशि भी शामिल थी।अस्पताल ने कहा कि यह कार्यवाही उनकी पारदर्शिता और जवाबदेही का उदाहरण है।
“तीसरी बार निलंबन” का दावा झूठा
अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मीडिया रिपोर्ट में बताए गए “तीसरी बार निलंबन” की बात पूरी तरह भ्रामक और असत्य है। उन्होंने कहा कि जिन घटनाओं का उल्लेख किया गया है, वे केवल तकनीकी कारणों से हुई अस्थायी कार्रवाई थीं, किसी भी प्रकार का दंडात्मक निलंबन नहीं। जनता को भ्रमित करने के उद्देश्य से इसे “तीसरी बार निलंबन” बताना जानबूझकर फैलाया गया झूठ है।
अस्पताल की अपेक्षा और चेतावनी
पैनेसिया हॉस्पिटल ने कहा कि वह हमेशा से गरीब और वंचित वर्गों के लिए सुलभ व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदान करता आ रहा है। उन्होंने संवाद माध्यमों से आग्रह किया कि इस भ्रामक और अपुष्ट समाचार का तत्काल संशोधन प्रकाशित किया जाए। अस्पताल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो कानूनी कार्रवाई करने में संकोच नहीं किया जाएगा।
(अस्पताल द्वारा जारी प्रेस नोट के आधार पर )
