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BHU ट्रामा सेंटर इंचार्ज के खिलाफ लामबंद हुए सर्जरी के जूनियर डॉक्टर, कार्रवाई न होने पर दे दी चेतावनी 

जाँच होने की अवधि में सौरभ सिंह को पद से हटाने और ट्रामा सेंटर का चार्ज डायरेक्टर को लेने की मांग 

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वाराणसी,भदैनी मिरर।  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रामा सेंटर में जनरल सर्जरी के प्रोफेसर डॉक्टर शशि प्रकाश मिश्र के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में सर्जरी विभाग के जूनियर डॉक्टर लामबंद हो गए है। गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों ने आईएमएस निदेशक प्रोफेसर एस. एन संखवार के कार्यालय पहुंचकर जाँच होने तक ट्रामा इंचार्ज डॉक्टर सौरभ सिंह को पद से हटाने और उनके बॉडीगार्ड के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके पहले ट्रामा सेंटर प्रभारी सौरभ सिंह के खिलाफ अधिवक्ताओ ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी का आरोप लगाया था। 

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ट्रामा सेंटर का चार्ज डायरेक्टर अपने हाथ में लें 


आईएमएस डायरेक्टर से मुलाकात करने वाले जूनियर चिकित्सक अन्नय तपादार ने मीडिया से बताया कि वह सर्जरी विभाग में अपनी सेवा दे रहे है और उनके प्रोफ़ेसर डॉक्टर शशि प्रकाश मिश्र के साथ हुए दुर्व्यवहार से सभी जूनियर डॉक्टर आक्रोशित है। अपने प्रोफेसर के समर्थन में वह इकठ्ठा होकर निदेशक से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मांग किया है कि ट्रॉमा सेंटर में प्रोफेसर इंचार्ज डॉक्टर सौरभ सिंह और उनके अंगरक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. जब तक कठोर कार्रवाई नहीं होती तब तक ट्रामा सेंटर का चार्ज निदेशक अपने हाथ में लें। इसके साथ ही एक अनुशासनात्मक कमेटी बनाई जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि कार्रवाई नहीं होती है तो बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। 

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डा. शशि प्रकाश मिश्र ने बताया कि बीते सोमवार की सुबह 9.40 बजे मैं ट्रामा सेंटर ड्यूटी पर पहुंचा। पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के बाद अंदर जाने ला तो रास्ते में रोड बीन कैंटीन की कुर्सियों से रास्ता अवरूद्ध होने पर वहां मौजूद स्टाफ से बहस होने लगी। इसके बाद स्टाफ ने ट्रामा सेंटर के इंचार्ज डा. सौरभ सिंह और उनके साथ बाउंसरों को बुला लिया। आरोप लगाया कि डा. सौरभ सिंह के इशारे पर बाउंसरों ने हमारे साथ बदतमीजी की। जबकि डायरेक्टर क्रिटिकल केयर ब्लाक के निरीक्षण पर आनेवाले थे, इसके लिए मुझे बुलाया गया था।

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आखिर चार साल से कैसे बने है प्रभारी 

 

प्रोफेसर डॉक्टर शशि प्रकाश मिश्र ने सवाल उठाये कि जब विश्वविद्यालय में हेडशिप के लिए तीन वर्षों का कार्यकाल निर्धारित है तो किस आधार या नियम से वह पिछले चार सालों से ट्रामा सेंटर के प्रभारी बने हुए है। आरोप लगाया कि जब भ्रष्टाचार के कई मामलों में उनके खिलाफ जाँच चल रही है तो क्या ट्रामा सेंटर में कोई काबिल प्रोफेसर नहीं जो ट्रामा सेंटर को संभाल सके। 
आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ डॉक्टर सौरभ सिंह के बाउंसरों ने अभियान चला रखा है, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का कोई भी मेंबर ऐसा नहीं कर सकता , इन सबके बाद भी हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है और करवाई न होने पर हम आगे बढ़ेंगे। 

 

कमेटी कर रही है जाँच 

 

पूरे प्रकरण में आईएमएस निदेशक प्रोफेसर एस. एन संखवार ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है, रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके साथ ही दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है। मरीजों की सेवा करने वाले स्थानों पर यह सब ठीक नहीं है।  


 

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