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भारतीय रसोई के मसाले : स्वाद के साथ सेहत का भी खजाना, कई रोगों से बचाव के लिए रामबाण

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भारतीय रसोई केवल स्वाद का संसार नहीं, बल्कि सेहत का भी भंडार है। अक्सर हम मसालों को सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, जबकि इनमें छिपे औषधीय गुण हमारी सेहत के लिए अमूल्य होते हैं। खासतौर पर जीरा, हल्दी, धनिया, हींग, अजवाइन, अदरक, दालचीनी, लौंग और काली मिर्च हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।

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हल्दी 


हल्दी या टरमरिक लगभग हर भारतीय व्यंजन का हिस्सा होती है। इसमें मौजूद कर्क्यूमिन तत्व सूजन कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। सर्दियों में हल्दी वाला दूध आम है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कभी-कभी किडनी से जुड़ी परेशानी पैदा कर सकता है।

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जीरा

जीरा न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि गैस, अपच और पाचन संबंधी समस्याओं को भी कम करता है। इसे भूनकर या खाने में डालकर इस्तेमाल किया जाता है। सुबह खाली पेट जीरा पानी पीना पाचन के लिए खासा फायदेमंद है।

धनिया

धनिया खाने को हल्का और सुगंधित बनाने के साथ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में मददगार है। रोटियों, सब्जियों और ग्रेवी में इसका पाउडर स्वाद और स्वास्थ्य दोनों को बढ़ाता है।

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हींग और अजवाइन

हींग में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण और अजवाइन में मौजूद थाइमोल तेल गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत देते हैं। यह दोनों ही पेट की सेहत बनाए रखने में कारगर हैं।

अदरक और दालचीनी 

अदरक पाचन तंत्र को मजबूत करती है और पेट फूलने जैसी दिक्कतों को कम करती है। दालचीनी ब्लड शुगर नियंत्रित करने और पाचन सुधारने में प्रभावी मानी जाती है।

लौंग और काली मिर्च 

लौंग रक्त संचार सुधारने में सहायक है और काली मिर्च पाचन शक्ति को बढ़ाती है। इनका सीमित मात्रा में सेवन शरीर के लिए लाभकारी है।

भारतीय रसोई के ये मसाले सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बढ़ाते, बल्कि पाचन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और समग्र स्वास्थ्य को भी मजबूती देते हैं। छोटे-छोटे बदलाव, जैसे रोजाना हल्दी वाला दूध पीना, जीरा-धनिया का इस्तेमाल, या हींग-अजवाइन का सेवन, आपकी सेहत को कई स्तर पर बेहतर बना सकते हैं।

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