
IMS BHU में हड्डी एवं जोड़ सप्ताह पर जागरूकता वॉक, बुजुर्गों की अस्थि-स्वास्थ्य पर जोर
आर्थोपेडिक विभाग की पहल पर गिरने से बचाव और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए आयोजित वॉक, विशेषज्ञों ने समग्र देखभाल की आवश्यकता बताई




वाराणसी,भदैनी मिरर। हड्डी एवं जोड़ स्वास्थ्य को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से IMS, BHU (इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) में हड्डी एवं जोड़ सप्ताह के अंतर्गत एक विशेष जागरूकता वॉक का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में आर्थोपेडिक्स विभाग के संकाय सदस्य, जूनियर डॉक्टर, रेजीडेंट्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने हिस्सा लिया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों में हड्डियों की कमजोरी, गिरने की घटनाओं और ऑस्टियोपोरोसिस (asthikshinata) जैसी समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाना था।


कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक प्रो. एस. एन. सांखवार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा- “अपने बुजुर्गों की देखभाल केवल हमारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि स्वस्थ राष्ट्र निर्माण का एक अनिवार्य अंग है। उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए उचित देखभाल और समय रहते चिकित्सा हस्तक्षेप बेहद जरूरी हैं।”
प्रो. अमित रस्तोगी ने भारतीय आर्थोपेडिक एसोसिएशन (IOA) की इस वर्ष की थीम- गिरने से बचाव एवं ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम—पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बदलती जीवनशैली और बढ़ती उम्र के कारण अस्थि-स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे नियमित व्यायाम, कैल्शियम एवं विटामिन डी युक्त आहार और समय-समय पर बोन डेंसिटी टेस्ट कराते रहें।


डॉ. संजय यादव ने जागरूकता कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा - “स्वास्थ्य क्षेत्र में टीमवर्क ही वह शक्ति है जिससे हम समाज के स्वास्थ्य में सार्थक बदलाव ला सकते हैं।” कार्यक्रम के अंत में सभी ने यह संकल्प लिया कि वे अपने आसपास के लोगों को अस्थि-स्वास्थ्य की अहमियत बताएंगे और बुजुर्गों में हड्डी और जोड़ से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। इस अवसर पर कई जागरूकता ब्रोशर वितरित किए गए और विशेषज्ञों ने सवाल-जवाब के सत्र में आम लोगों की शंकाओं का समाधान किया। आयोजन ने बुजुर्गों की हड्डियों के स्वास्थ्य के प्रति लोगों में गहरी संवेदनशीलता और जागरूकता का संचार किया।


