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बदलता लाइफ स्टाइल और व्यायाम न करना अनियमित पीरियड्स के कारण, प्रिवेंटिव डिजीज है महिलाओं में होने वाला सर्वाइकल कैंसर

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वाराणसी,भदैनी मिरर। भारत गांव का देश है और गांव में ज्यादातर महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होती. जिसके कारण जब वह तकलीफ बढ़ने पर अस्पताल पहुँचती है तो काफी देर हो चुकी होती है. महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है. अगर इसका पता नहीं चल पाए, तो यह जानलेवा हो सकता है. जागरूकता की कमी से महिलाएं लक्षण को पहचान नहीं पाती और उनके लिए यह खतरनाक हो जाता है. आइये भदैनी मिरर की टीम ने महिलाओं की समस्याओं को लेकर पीएमसी अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्वेता चौरसिया से बातचीत की. 

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बच्चियों में मासिक धर्म शुरू होने की उम्र क्या है?

 

डॉक्टर श्वेता चौरसिया कहती है कि मासिक धर्म (पीरियड्स) आने की साई उम्र 11 से 14 वर्ष है. करीब 40 साल पहले पीरियड्स 14 से 16 वर्ष की आयु में आते  थे. यदि वर्तमान समय में किसी बच्ची को 12 वर्ष की आयु में पीरियड्स नहीं आते है तो उसे स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. 

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देर से पीरियड्स का आना बड़ी समस्या?


पिछले 12 सालों से बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ मरीजों का इलाज कर रही डॉक्टर श्वेता कहती है कि सामान्य तौर पर पीरियड्स का साइकल 28 दिनों का होता है, लेकिन यह समय पर न आकर महिलाओं में डेढ़ से 2 महीने की देरी से आ रहा है. यह देश में ही नहीं विदेश में भी महिलाओं को समस्या आ रही है. इसे "पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम" (PCOS) के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि यह मेटाबोलिक सिंड्रोम होता है, जो हार्मोनल असंतुलन को प्रभावित कर देता है. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को बढ़ाने में मुख्य कारण व्यायाम न करना, जंक फूड खाने से लेकर बदलते लाइफ स्टाइल तक शामिल है. 

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गर्भाशय कैंसर क्या है और उसके क्या लक्षण है?

 


मातृ सम्मान से सम्मानित डॉक्टर श्वेता चौरसिया कहती है कि गर्भाशय कैंसर जिसे सर्वाइकल कैंसर कहते है. यह महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा में या उसके ऊपर होता है. यह तेजी से महिलाओं में फैल रहा है. कम उम्र में शादी होना, जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करना और मल्टीप्ल सेक्सुअल पार्टनर होना इसके मुख्य कारन होते है. यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण की वजह से भी होता है. सर्वाइकल कैंसर के स्क्रीनिंग टेस्ट से ही इसका पता लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि योनि से अनियमित रक्तस्राव, दर्दनाक सेक्स, खूनी और पानीदार धब्बे, सेक्सुअल इंटर पोस्ट के बाद खून आना, असुविधाजनक/अनियमित पेशाब का होना इसके मुख्य लक्षण होते है. उन्होंने कहा कि साइकिल कैंसर बहुत ही प्रीवेंटिव डिजीज है, इसके होने से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा की यह लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए. गांव की महिलाएं सही समय से अस्पताल पहुंच नहीं पाती और फिर उन्हें बाद में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए वैक्सीनेशन, सुरक्षित यौन संबंध, और लाइफ़स्टाइल में बदलाव करना ज़रूरी है. सरकार की योजना में है वह सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीनेशन को जरुरी बनाएगी. 

 


पीसीओडी है क्या?
 

 
डॉक्टर श्वेता कहती है कि पीसीओडी एक मेटाबोलिक सिंड्रोम है. इसमें अलग-अलग मरीज को अलग-अलग समस्या होती है. इसका कोई  100 परसेंट ट्रीटमेंट नहीं है. हम पहले यह डायग्नोसिस करते है कि मरीज को क्या समस्या है. हम सिम्टम के इलाज करते है, लेकिन मरीज लाइफ स्टाइल को बदलकर समस्याओं से निजात पा सकता है. मरीज व्यायाम और लाइफ स्टाइल का बहुत ध्यान रखें. 

 


स्वास्थ्य के प्रति न बरतें लापरवाही 

 

डॉक्टर श्वेता कहती है कि खुशियों का मूल आधार स्वस्थ जीवन होता है. स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें. जबकि यह देखा गया है कि बीमार होते ही लोगों के दिमाग में पैसे ज्यादा खर्च होने की बातें घूमने लगती है, जब समस्या बढ़ने पर वह इलाज करवाने आते है तो तब तक देर हो चुकी होती है. इसलिए शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति कभी भी लापरवाही न बरतें. उन्होंने कहा कि महिलाएं खासतौर पर जंक और हाइजीनिक फूड से परहेज करें.

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