Movie prime
Ad

सीएचसी दुर्गाकुंड में पहली बार हार्ट अटैक मरीज की जान बची, विंडो पीरियड में सफल थ्रॉम्बोलाइसिस

70 वर्षीय मरीज का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हुआ सफल उपचार — सीएमओ बोले, “अब सीएचसी स्तर पर भी हृदयाघात का प्रभावी इलाज संभव”
 

Ad

 
Health News
WhatsApp Group Join Now

Ad

वाराणसी, भदैनी मिरर।  जिले में हृदयाघात (हार्ट अटैक) मरीजों के लिए उपचार व्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। इसी क्रम में सीएचसी दुर्गाकुंड में पहली बार हार्ट अटैक मरीज का सफलतापूर्वक थ्रॉम्बोलाइसिस कर जान बचाई गई। यह उपलब्धि जिला स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई और संसाधनों के सुदृढ़ीकरण का परिणाम मानी जा रही है।

Ad
Ad
Ad


सीने में दर्द के बाद परिजनों ने पहुंचाया अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि अदलहाट (मिर्जापुर) निवासी 70 वर्षीय वृद्ध को अचानक सीने में तेज दर्द होने पर मंगलवार को परिजन सीएचसी दुर्गाकुंड लेकर पहुंचे।

फिजिशियन डॉ. क्षितिज तिवारी के निर्देशन में डॉ. मणिकांत तिवारी, डॉ. निकुंज वर्मा, डॉ. प्रवीण कुमार और पैरामेडिकल टीम ने तुरंत मरीज की ईसीजी जांच की। जांच में स्पष्ट हुआ कि मरीज को हृदयाघात हुआ है।

Ad

विंडो पीरियड में दी गई थ्रॉम्बोलाइसिस थेरेपी, बच गई जान

टीम ने समय गंवाए बिना विंडो पीरियड के भीतर मरीज को थ्रॉम्बोलाइसिस थेरेपी दी। इस प्रक्रिया में विशेष इंजेक्शन के माध्यम से हृदय की अवरुद्ध नसों में रक्त प्रवाह खोला जाता है। सीएमओ ने बताया कि सही समय पर थ्रॉम्बोलाइसिस मिलने से मरीज की जान बच गई और अब उसकी स्थिति सामान्य है।

Ad

 जिले में 188 मरीजों की बचाई जा चुकी है जान

सीएमओ ने बताया कि जिले में संचालित हार्ट अटैक सेंटरों में अब तक 188 मरीजों की जान बचाई जा चुकी है। सीएचसी दुर्गाकुंड अब जिले का पहला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन गया है, जहां हार्ट अटैक का सफल उपचार किया गया है।

जिन अस्पतालों में अब तक हृदयाघात मरीजों का सफल उपचार हुआ है, उनमें शामिल हैं—

  • पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेपुर
  • श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा
  • एलबीएस राजकीय चिकित्सालय रामनगर
  • स्वामी विवेकानंद मेमोरियल अस्पताल भेलूपुर
  • सीएचसी चोलापुर

हब–स्पोक मॉडल से मजबूत हुई व्यवस्था

सीएमओ ने बताया कि बीएचयू 'हब' के रूप में कार्य कर रहा है, जबकि जिले के विभिन्न सरकारी अस्पताल और सीएचसी ‘स्पोक’ के रूप में जुड़कर हार्ट अटैक मरीजों को समय रहते उपचार दे रहे हैं। इस मॉडल से उपचार में देरी कम हुई है और मरीजों की जान बचने की संभावना बढ़ी है।

Ad

Ad

FROM AROUND THE WEB