
क्या स्टेरॉयड और प्रोटीन पाउडर मर्दाना ताकत को कर सकते हैं कमजोर? जानिए ये आपके लिए है कितना नुकसानदायक




भारत में तेजी से बढ़ रहे फिटनेस ट्रेंड के साथ-साथ जिम कल्चर भी खासतौर पर शहरी युवाओं में काफी लोकप्रिय हो गया है। इसी के साथ प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरॉयड का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार, देश में हर चार में से एक जिम जाने वाला व्यक्ति प्रोटीन पाउडर का सेवन करता है, जबकि कई युवा स्टेरॉयड का भी सहारा लेते हैं।


क्यों लेते हैं लोग स्टेरॉयड और प्रोटीन पाउडर?
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स्टेरॉयड दरअसल सिंथेटिक टेस्टोस्टेरोन होते हैं, जो मांसपेशियों को तेजी से विकसित करने और रिकवरी टाइम को घटाने में मदद करते हैं।
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वहीं प्रोटीन पाउडर को मसल्स ग्रोथ और रिकवरी के लिए एक सुविधाजनक विकल्प माना जाता है।
सेहत पर असर डाल सकते हैं ये सप्लीमेंट
रिप्रोडक्टिव बायोमेडिसिन ऑनलाइन जर्नल में 2023 में प्रकाशित एक स्टडी में यह दावा किया गया कि प्रोटीन सप्लीमेंट और स्टेरॉयड का सेवन पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
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इस अध्ययन में 18 से 25 वर्ष के युवाओं को शामिल किया गया था।
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रिसर्च के अनुसार, 79% पुरुष और 56% महिलाएं प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे थे।
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प्रमुख शोधकर्ता प्रो. गैलाघर ने बताया कि कई बार बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर में अनजाने में हार्मोनल तत्व या स्टेरॉयड मिले होते हैं, जो पुरुषों में स्पर्म काउंट घटा सकते हैं, टेस्टिकल्स को सिकोड़ सकते हैं और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
FDA की चेतावनी: लिवर और हार्ट को हो सकता है नुकसान
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने वर्ष 2024 में एक चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि लंबे समय तक स्टेरॉयड का उपयोग करने से लिवर टॉक्सिसिटी बढ़ सकती है, जिससे लिवर फेलियर तक का खतरा रहता है। इसके अलावा:


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स्टेरॉयड के कारण खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) घटता है।
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इससे दिल की बीमारियों, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
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साथ ही यह शरीर में नैचुरल टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बंद कर सकता है, जिससे पुरुषों में बांझपन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञ की राय: डॉक्टर की सलाह के बिना न करें सेवन
जयपुर के फोर्टिस हॉस्पिटल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल मेहता का कहना है कि प्रोटीन पाउडर या स्टेरॉयड का इस्तेमाल बिना मेडिकल सलाह के बेहद जोखिम भरा हो सकता है।
इनमें मौजूद कुछ तत्व:
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किडनी, लिवर और हार्ट को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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लंबे समय तक इनका सेवन शरीर की आंतरिक क्रियाओं को असंतुलित कर सकता है।
क्या है सुरक्षित विकल्प?
डॉ. मेहता के अनुसार, यदि शरीर को अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता हो तो उसे प्राकृतिक स्रोतों से पूरा करना ज्यादा बेहतर है, जैसे:

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अंडे
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चिकन
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मछली
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दालें
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ड्राई फ्रूट्स और नट्स

