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हृदय-शुगर और किड़नी रोगों पर वाराणसी में हो रहा मंथन, AI की उपियोगिता पर हुई चर्चा 

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में शुरु हुआ तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस कार्डिएबकान 2025
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वाराणसी,भदैनी मिरर।  आज के बदलते परिवेश में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से हृदय, शुगर व किडनी के रोगों के रोकथाम के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है, बल्कि इसके मदद से नए प्रयोग सामने लाया जा सकता है, जो मार्डन मेडिसिन के क्षेत्र में कारगर साबित हो सकता है. यह विचार शुक्रवार को स्वतंत्रता भवन के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय 14 वें नेशनल कांफ्रेंस कार्डियबकान-2025' में पहले दिन वक्ताओं ने कही.

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प्रथम दिन आयोजित कुल छः सत्रों में वक्ताओं ने कार्डियो किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम का कारण उपचार और सुधार विषय पर बोलते हुए कहा कि कार्डियोवैस्कुलर किडनी मेटाबॉलिक सिंड्रोम हृदय, गुर्दे व मधुमेह यह मोटापे से जुड़ा एक स्वास्थ विकार है. यह कई तरह से सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. यह तीनों एक ही सिक्के के पहलू है. इससे बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव जरूरी है यह समाज में तेजी से बढ़ रहा है. नियमित दिनचर्या व भोजन में हरी सब्जी, फल व कम तेल की मात्रा का प्रयोग करके भी नियंत्रण पाया जा सकता है. 

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इसके अलावा जेनेटिक टेस्टिंग के बारे में भी वक्ताओं ने अपने विचार रखे. उनका कहना था कि इस टेस्ट के माध्यम से व्यक्ति में कौन सी दवा ज्यादा हितकारी होगा और कौन सी दवा इनके लिए हितकर होगा, इसमें मदद मिल सकता है. जिन्हें कोई बीमारी ना हो और आगे वह कैसे स्वस्थ रह सकते हैं इसका भी पता लगा सकते हैं.

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सेमिनार के प्रथम दिन के प्रथम सत्र में यूएई के डॉ विनय तोष मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए एआई के उपयोगिता पर प्रकाश डाला. इस सत्र के समन्वयक डॉ रत्नेश श्रीवास्तव थे. दूसरे सत्र के समन्वयक डॉक्टर आशुतोष मिश्रा थे. सत्र की अध्यक्षता डॉ विनोद कुमार ने किया. जिसमें  डॉक्टर विकास अग्रवाल, डॉ अमित भास्कर, डॉ मुमताज, डॉ. निवेदिता पंडित ने अपने विचार रखें. तीसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ संजीव सिंह ने किया. सत्र के संयोजक डॉक्टर जिज्ञासु सिंह थे. इस सत्र में डॉक्टर सुषमा तिवारी ने इंसुलिन प्रतिरोध और सी आर एम सिंड्रोम प्रगति पर इसका प्रभाव विषय पर अपने विचार रखें. इनके साथ ही डॉक्टर अभिजीत कुमार, प्रोफेसर धर्मेंद्र जैन ने भी अपने अपने विचार रखें. चौथे सत्र की अध्यक्षता डॉक्टर जेपी ओझा,डॉक्टर बी एल पांडे और डॉक्टर आलोक कुमार गुप्ता ने किया. इस सत्र में डॉक्टर परमेश एस, डॉक्टर सौम्य रंजन मोहंती, व डॉक्टर अतुल कलहन ने अपने विचार रखें.

पांचवें सत्र की अध्यक्षता एच के श्रीवास्तव, डॉक्टर दिवाकर सिंह और डॉक्टर आरसी त्रिवेदी ने किया. जिसमें हरियाणा के डॉक्टर संदीप सूरी फरीदाबाद के डॉक्टर संजय पांडेय, डॉक्टर इस शालीन अग्रवाल तथा डॉ अजय छाबड़ा ने अपने-अपने विषयों के बारे में विस्तार से बताया. पहले दिन के छठवें व अंतिम सत्र को डॉ अजय, डॉ विकास श्रीवास्तव, डॉ संजय सूद, डॉक्टर वीके जगनानी, डॉक्टर राहुल बक्शी व डॉक्टर मैरी डी क्रूज ने संबोधित किया.

इस तीन दिवसीय सेमिनार में देश ही नहीं विदेशों में भी चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पद्मश्री डॉ के के  त्रिपाठी डॉक्टर अनूप मिश्रा सहित छः विद्वानों का ओरिजन भी आयोजित किया गया. जिसमें से प्रथम दिन पद्मश्री डॉक्टर के के त्रिपाठी व डॉ अनूप मिश्रा का व्याख्यान आयोजित किया गया. तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ प्रारंभ में सरस्वती वंदना से किया गया तत्पश्चात देश के कोने कोने से कार्यक्रम में आए चिकित्सकों का डॉ सोसायटी के राष्ट्रीय सचिव आशुतोष मिश्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर पल्लवी मिश्रा और डॉक्टर नूपुर ओझा ने स्वागत किया। इस अवसर डॉ उत्तम ओझा सहित अनेकों चिकित्सक उपस्थित रहे.

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