BHU के हृदय रोग विभाग में अनियमितता का आरोप: प्रोफेसर ओमशंकर ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, बेड और सुविधाएं छीने जाने का दावा
सर सुंदरलाल अस्पताल में हृदय रोग विभाग के कार्यालय, आश्रय और बेड खत्म करने का आरोप, कैंटीन खोलने को लेकर प्रशासन पर गंभीर सवाल
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल में हृदय रोग विभाग को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर ओमशंकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विभाग के साथ हो रही गंभीर अनियमितताओं और मनमानी के आरोप लगाए।



प्रोफेसर ओमशंकर ने बताया कि एक समिति द्वारा हृदय रोग विभाग को नए भवन में संपूर्ण चौथा और आधा पांचवां तल्ला दिए जाने का निर्णय लिया गया था, जिस पर विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ने भी आदेश जारी किया है। इसके बावजूद विभाग की मौजूदा सुविधाओं को लगातार कम किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने भवन में हृदय रोग विभाग के पास मौजूद 47 बेड पहले ही ले लिए गए। इसके बाद रिनोवेशन के नाम पर विभाग का वह कार्यालय भी कब्जा लिया गया, जहां पहले मरीजों की जांच होती थी, विभागीय लाइब्रेरी थी और रेजिडेंट डॉक्टरों के रुकने की व्यवस्था थी। यह सब “रातों-रात” किया गया।

प्रोफेसर ओमशंकर के अनुसार, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर के. के. गुप्ता के आदेश पर पहले कमरों के ताले खोले गए और फिर वहां कैंटीन खोलने की अनुमति दे दी गई। इतना ही नहीं, अस्पताल परिसर में बना मरीजों का आश्रय भी बंद कर दिया गया है, जिस पर ताला लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि भीषण ठंड के इस मौसम में, जब सरकार स्कूलों तक में अवकाश घोषित कर रही है और आम लोगों को ठंड से बचाने के उपाय किए जा रहे हैं, उसी समय सर सुंदरलाल अस्पताल में दूर-दराज से आने वाले मरीज और उनके परिजन ठंड में जानवरों से भी बदतर स्थिति में रात गुजारने को मजबूर हैं। पहले आश्रय में मरीजों और तीमारदारों के लिए कंबल और रुकने की व्यवस्था थी, लेकिन अब वह पूरी तरह बंद कर दी गई है।
प्रोफेसर ओमशंकर ने यह भी आरोप लगाया कि जब किसी अन्य विभाग में बेड की कमी होती है, तो उसकी भरपाई हमेशा हृदय रोग विभाग से की जाती है। अब तो स्थिति यह है कि हृदय रोग विभाग के ठीक बगल में कैंटीन चलाने की तैयारी की जा रही है, जो मरीजों की सुरक्षा और स्वच्छता के लिहाज से भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
उन्होंने सीधे तौर पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर के. के. गुप्ता पर मनमानी करने का आरोप लगाया और कहा कि इस पूरे मामले में नए कुलपति प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी और रजिस्ट्रार का भी सहयोग उन्हें मिल रहा है।
प्रोफेसर ओमशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि वाराणसी उनका संसदीय क्षेत्र है। एक तरफ यहां एम्स बनाए जाने की बात होती है, लेकिन दूसरी तरफ BHU के हृदय रोग विभाग की मौजूदा सुविधाएं छीनी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज हर तीसरा व्यक्ति हृदय रोग से जान गंवा रहा है और ऐसे में हृदय रोग विभाग को कमजोर करना मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ है।
उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा, “अब आपके हाथ में है हृदय रोग के मरीजों का जीवन,” और प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
