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BHU अस्पताल में 9 माह के बच्चे की हुई जटिल सर्जरी, मूत्राशय और किडनी में थी पथरी

चिकित्सकों ने एक ही सर्जरी में दोनों पथरी को निकाला

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वाराणसीभदैनी मिरर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (IMS) के यूरोलॉजी विभाग ने पूर्वांचल में पहली बार अपनी तरह की विशेष सर्जरी की है. 9 माह के शिशु की मूत्राशय और बाईं किडनी में पथरी की सफल लेजर सर्जरी कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है. 
इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यशस्वी सिंह ने किया, जिनका सहयोग डॉ. उज्जवल कुमार और डॉ ललित कुमार ने किया. यह सर्जरी प्रोफेसर डॉ. समीर त्रिवेदी (विभागाध्यक्ष) तथा प्रोफेसर एसएन संखवार (निदेशक) के मार्गदर्शन में संपन्न हुई. सर्जरी टीम में डॉ. अविरल और डॉ. मदन शामिल थे, जबकि एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. अरविंद और नर्सिंग स्टाफ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.
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डॉ. यशस्वी सिंह ने कहा, "लेज़र तकनीक के माध्यम से एक ही समय में मूत्राशय और किडनी की पथरी को निकालना संभव हुआ, जिससे मरीज को दो अलग-अलग सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ी. यह तकनीक न केवल कम आक्रामक है, बल्कि इससे मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है. लेज़र सर्जरी से खून की कमी कम होती है और अस्पताल में रहने की अवधि भी घटती है, जिससे मरीजों को जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलती है. इस सर्जरी के सफल निष्पादन से यह साबित होता है कि आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग करके हम छोटे बच्चों में भी जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं."
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यह उपलब्धि पूर्वांचल क्षेत्र में चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान की उत्कृष्टता को दर्शाती है. यह सर्जरी पूर्वांचल क्षेत्र में चिकित्सा क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित हुई है और इससे क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को भी प्रेरणा मिलेगी. बीएचयू का यूरोलॉजी विभाग इस तरह की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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