Home अध्यातम Hanging Pillar Temple : भारत का अनोखा मंदिर जिसका खंभा हवा में है झूलता, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाएं इसका रहस्य

Hanging Pillar Temple : भारत का अनोखा मंदिर जिसका खंभा हवा में है झूलता, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाएं इसका रहस्य

by Bhadaini Mirror
0 comments

Hanging Pillar Temple : भारत में कई देवी-देवताओं के असंख्य मंदिर है। इनमें से कई मंदिर ऐसे भी है जो काफी प्रचीन और चमत्कारी है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहें है जिसका खंभा हवा में झूल रहा है (Hanging Pillar Temple)। इतना ही नहीं इस मंदिर के रहस्‍य को सुलझाने में ब्रिटिश इंजीनियर भी हार गए। यह मंदिर पुरातन काल से आज तक लोगों के लिए उत्‍सुकता का व‍िषय है। अब आप सोच रहे होंगे कि हवा में मंदिर का खंभा कैसे झूल रहा होगा, लेकिन यही सच है। चलिए आपको बताते है ये मंदिर कहां है और इसके इसके खंभे के हवा में झूलने के पीछे का रहस्य क्या है।

Ad Image
Ad Image

यहां स्थित है मंदिर

Ad Image
Ad Image

दरअसल, हम जिस मंदिर की बात कर रहे है वो आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्‍थापित लेपाक्षी मंदिर है, जो 70 खंभों पर खड़ा है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी क‍ि मंदिर का एक खंभा जमीन को छूता ही नहीं है। बल्कि हवा में झूलता रहता है। यही वजह है कि इस मंदिर को हैंगिंग टेंपल के नाम से भी जाना जाता है।

Ad Image
Ad Image
Ad Image

मंदिर के रहस्‍य को सुलझाने में ब्रिटिश इंजीनियर भी हार गए

Ad Image
Ad Image

अब सवाल ये उठता है की खंभा हवा में कैसे झूल रहा है। कहा जाता है कि वर्ष 1902 में उस ब्रिटिश इंजीनियर ने जब ये जानने के लिए इस मंदिर के खम्भों की खुदाई की कि ये किस आधार पर खड़े है तो उसने हवा में झूलते खंभे पर हथौड़े से वार किया। उससे तकरीबन 25 फीट दूर स्थित खंभों पर दरारें आ गईं। इससे यह पता चला क‍ि मंद‍िर का सारा वजन इसी झूलते हुए खंभे पर है। इसके बाद वह इंजीनियर भी मंदिर के झूलते हुए खंभे की थ्‍योरी के सामने हार मानकर वापस चला गया।

Ad Image

मंदिर में एक स्वंयभू शिवलिंग भी

इस धाम में मौजूद एक स्वयंभू शिवलिंग भी है जिसे शिव का रौद्रअवतार यानी वीरभद्र अवतार माना जाता है। जानकारी के अनुसार यह श‍िवलिंग 15वीं शताब्दी तक खुले आसमान के नीचे विराजमान था। लेकिन 1538 में दो भाइयों विरुपन्ना और वीरन्ना ने मंदिर का न‍िर्माण क‍िया था जो की विजयनगर राजा के यहां काम करते थे। वहीं पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार लेपाक्षी मंदिर परिसर में स्थित विभद्र मंदिर का निर्माण ऋषि अगस्‍त्‍य ने करवाया था।

खंबे के नीचे कपड़ा निकलने पर होती है धन में वृद्धि

यहाँ आने वाले श्रद्धालुओ का ये मानना है कि इस खम्बे के नीचे से कपड़ा निकलने पर धन में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-शांति आती है। बताया जाता है क‍ि पहले दूसरे खंभों की ही तरह यह खंभा भी जमीन से जुड़ा था।

मंदिर में एक भव्य नागलिंग भी स्थित

वहीं मंदिर के पास ही नंदी जी की एक पत्थर से बनी विशाल प्रतिमा है। जो 27 फीट लम्बी और 4.5 फीट ऊँची है। मंदिर में एक भव्य नागलिंग भी स्थित है जिसके ऊपर एक विशाल सात फीट वाले शेषनाग की प्रतिमा है। मंदिर में ही एक स्थान पर प्रभु श्रीराम के पदचिह्न भी है हालांकि कुछ लोगो का ये भी मानना है कि ये पदचिह्न माता सीता के है। कहा जाता है ये मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जहाँ रावण और जटायु के बीच युद्ध हुआ था।

मंदिर की खूबसूरत स्थापत्य कला है आकर्षण का केंद्र

अपनी प्राचीन मान्यता और खूबसूरत स्थापत्य कला के कारण ये मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। वहीं रामायण के अनुसार जब रावण माता सीता का अपहरण करके उसे लंका ले जा रहा था तब माता सीता की पुकार सुन कर गिद्धराज जटायु ने ही रावण से युद्ध किया था, बाद में भगवान राम ने रावण का वध करके संसार में धर्म की स्थापना की थी।

Social Share

You may also like

Leave a Comment