वाराणसी, भदैनी मिरर। आईआईटी-बीएचयू की छात्रा संग गैंगरेप की घटना के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे 13 छात्रों को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) द्वारा निलंबित किए जाने के मामले को विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है. इस घटना में पूर्व में BJP- IT के पदाधिकारी रहे तीन आरोपियों का नाम उजागर होने के बाद से ही विपक्ष लगातार हमलावर है. विपक्ष इस मामले में पुलिस की ढुलमुल रवैया को लेकर भी सवाल खड़ा करता रहा है. गुरुवार की शाम सपा से कैंट विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी पूजा यादव के नेतृत्व में अमन यादव, विवेक यादव सहित दर्जनों लोगों ने कैंडल मार्च निकाला.
सपा नेताओं ने हाथों में “छात्रों का निलंबन वापस लो”, “बलात्कारियों को संरक्षण देना बंद करो”, “कुलपति को सद्बुद्धि दो” जैसे स्लोगन लिखे हुए तख्तियां लिए हुए थे. पूजा यादव ने कहा कि आरोपियों को सत्ता पक्ष के विधायक का संरक्षण मिला है. आरोपियों को मिठाई खिलाते हुए फोटो पूरे देश और प्रदेश ने देखा. बलात्कारियों को किसका संरक्षण है यह जगजाहिर है. उसी संरक्षण की वजह से आईआईटी बीएचयू की छात्रा से गैंगरेप करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी और सजा दिलाने के लिए किए गए आंदोलन में भाग लेने वाले छात्रों पर निलंबन की कार्रवाई हुई है.
अमन यादव ने कहा कि कुलपति सत्ता पक्ष के इशारे पर संघर्ष करने वाले छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे है.
ऐसे आंदोलनों में हिस्सा लेने वाले छात्रों को सज़ा देना गलत संदेश देता है और भविष्य में पीड़ितों के लिए खड़ा होने वाले लोगों को हतोत्साहित कर सकता है. यह तानाशाही प्रवृत्तियों का संकेत है, जो किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है. कुलपति और प्रशासन को छात्रों की बहाली पर ध्यान देना चाहिए और न्याय की मांग करने वालों का समर्थन करना चाहिए, न कि उन्हें दंडित करें. कहा कि हम तब तक संघर्ष करेंगे जब तक छात्रों को बहाल नहीं किया जा सकता.