
महिला आयोग का निर्देश: बीएचयू में डीन और विभागाध्यक्ष के कार्यों का स्पष्ट बंटवारा हो, प्रोफेसर आनंद चौधरी को चेतावनी
आईएमएस बीएचयू की प्रो. नम्रता जोशी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने पदानुक्रम और प्रक्रिया के पालन पर भी बल दिया

Jul 23, 2025, 10:26 IST

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वाराणसी, भदैनी मिरर डेस्क। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आयुर्वेद संकाय अंतर्गत आईएमएस में रस शास्त्र विभाग की प्रो. नम्रता जोशी द्वारा की गई शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने डीन और विभागाध्यक्षों के कार्यों में स्पष्टता लाने और विभागीय पदानुक्रम का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। 

प्रो. जोशी ने आयोग के समक्ष आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो. पीके गोस्वामी और रस शास्त्र विभाग के प्रो. आनंद चौधरी पर मानसिक प्रताड़ना और कार्यस्थल पर भेदभाव का आरोप लगाया। सुनवाई 14 जुलाई 2025 को आयोग के समक्ष हुई, जिसमें प्रो. जोशी ने कई गंभीर मुद्दे उठाए।


उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान उन्हें कोई कक्ष आवंटित नहीं किया गया, और उन्हें इस्तीफा देने का दबाव भी बनाया गया। शिकायत में यह भी बताया गया कि 29 दिसंबर 2019 को कुलपति से लिखित शिकायत की गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रो. जोशी ने यह भी कहा कि विभागाध्यक्ष बनने के नौ महीने बाद ही उन्हें 'फार्मेसी सुपरवाइजर' का चार्ज सौंपा गया, जो विश्वविद्यालय के मानकों के विरुद्ध है। इस पर आयोग ने स्पष्ट किया कि विभागीय कक्षों के आवंटन में वह हस्तक्षेप नहीं करेगा। लेकिन सेवा से जुड़े मामलों में शिकायतकर्ता कुलपति को लिखित रूप से पुनः पत्र दे सकती हैं।


सिम्पोजियम किया था रद्द
प्रो. जोशी ने आयोग को यह भी बताया कि छात्रहित में आयोजित किया जा रहा सिम्पोजियम, जिसकी तिथि पहले से तय थी, उसे संकाय प्रमुख द्वारा कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले निरस्त कर दिया गया। हालांकि, आईएमएस के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने आयोग को बताया कि बाद में उनके कार्यालय ने सिम्पोजियम के आयोजन की अनुमति दे दी थी।

प्रो. आनंद चौधरी को दी चेतावनी
प्रो. नम्रता जोशी ने महिला आयोग से शिकायत की कि प्रो. आनंद चौधरी सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर महिला आयोग को बदनाम कर रहे हैं। इस पर प्रो. चौधरी को सार्वजनिक मंचों पर आयोग पर टिप्पणी के संबंध में कड़ी चेतावनी दी गई है। आयोग ने कहा कि ऐसा दोबारा हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी।

