Movie prime

जहां सभी वर्ग एक हों वह है महाकुंभ, वेबिनार में पद्मश्री प्रोफेसर राजेश्वर आचार्य ने रखे विचार 

आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय का साप्ताहिक शैक्षिक संवर्धन कार्यक्रम संपन्न 

Ad

 
news 30
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

वाराणसी,भदैनी मिरर। आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय (ASCMM) डोमरी (रामनगर) में 22 मार्च से 29 मार्च तक साप्ताहिक शैक्षिक संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.


कार्यशाला के प्रथम दिन 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर छात्राओं द्वारा पोस्टर के माध्यम से जल संरक्षण के महत्व को दर्शाया गया. छात्राओं को जल के संरक्षण तथा उसके महत्व के बारे में जानकारी प्रदान किया गया. 22 मार्च को ही महाविद्यालय की छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत करौंदी स्थित राजकीय आई.टी.आई. कॉलेज ले जाया गया. जहां स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में गोपाल मिश्र तथा श्रेयशी जी द्वारा संस्थान में चल रहे विभिन्न प्रकार के स्किल्स कोर्स की जानकारी छात्राओं को प्रदान की गई.

Ad

कार्यशाला के दूसरे दिन 24 मार्च को महाविद्यालय में ऑनलाइन अतिथि व्याख्यान (Webinar) का आयोजन किया गया. व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. संतोष कुमार ( सेठ पी.सी कॉलेज, हाथरस ) के द्वारा "व्यवसाय पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव" विषय पर वक्तव्य प्रस्तुत किया गया.

Ad

कार्यशाला के तीसरे दिन 25 मार्च को महाविद्यालय में बेसिक आफ म्यूजिक थेरेपी विषय पर प्रो. दुर्गेश कुमार उपाध्याय द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किया गया. व्याख्यान में उन्होंने संगीत के माध्यम से चिकित्सा के विषय में छात्राओं को अवगत कराया. उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि कैसे हम संगीत के माध्यम से अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं.

Ad

कार्यशाला के चौथे दिन 26 मार्च को महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा अपने कौशल को कला के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. छात्राओं ने महाविद्यालय के दीवार को विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों से पेंटिंग द्वारा सजाया.  

कार्यशाला के पांचवें दिन 27 मार्च को महाविद्यालय की छात्राओं को सुजाबाद एवं डोमरी  ग्रामीण क्षेत्र ले जाया गया. छात्राओं द्वारा वहां के निवासियों को जल के महत्व एवं जल संरक्षण के विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी दी गई.

कार्यशाला के छठवें दिन 28 मार्च को महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा जल के संरक्षण एवं उसके महत्व पर बनाए गए पोस्टर का प्रदर्शनी लगाया गया. प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. रुस्तम अली के द्वारा किया गया. डॉ. रुस्तम अली ने पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा छात्राओं का प्रशंसा किया. 

कार्यशाला के सातवें दिन 29 मार्च को महाविद्यालय द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया. वेबीनार का विषय "महाकुंभ, आध्यात्मिकता संस्कृति एवं नवाचार का संगम" रहा. वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में पद्मश्री प्रो. राजेश्वर आचार्य, प्रो. आद्या प्रसाद पाण्डेय ( पूर्व कुलपति– मणिपुर विश्वविद्यालय ), प्रो. अतुल त्रिपाठी ( कला इतिहास विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ) एवं श्री कानू चक्रवर्ती ( सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष, आई.आई.टी., काशी हिंदू विश्वविद्यालय ) उपस्थित रहे.

पद्मश्री प्रो. राजेश्वर आचार्य जी ने वेबीनार में कहा कि महाकुंभ में जाकर सभी वर्ग के लोग एक हो जाते हैं. महाकुंभ अध्यात्म की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है. 
प्रो. आद्या प्रसाद पाण्डेय ने वेबीनार में बोलते हुए कहा कि महाकुंभ में कई प्रकार की गतिविधि होती है, जिसमें आर्थिक गतिविधि बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. भारत में बहुत सारे स्थान पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और भारतीय जनता उनके विकास में बड़ा योगदान कर रही है. पर्यटन बढ़ने से लोगों को रोजगार भी मिलता है. 
प्रो. अतुल त्रिपाठी ने महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कल्पवास के समय लोग तपस्वी का जीवन जीते हैं. शाही स्नान को अब अमृत स्नान के नाम से जाना जाता है. 
कानू चक्रवर्ती ने महाकुंभ के विषय पर बोलते हुए बताया कि टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उन्होंने AI पावर और सीसीटीवी, एंटी ड्रोन पावर इत्यादि की कुंभ में समुचित व्यवस्था व उसके लाभ के बारे में बताया.  
अंत में महाविद्यालय की निदेशक प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया तथा महाकुंभ के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि छात्राओं ने कार्यशाला में बहुत मेहनत किया है तथा इस प्रकार की कार्यशाला आगे भी आयोजित होती रहेगी. कार्यशाला से छात्राओं का सर्वांगीण विकास होता है. 

वेबीनार में अतिथियों का स्वागत ऋचा शुक्ला, संचालन शिवानंद तथा धन्यवाद ज्ञापन अंजलि विश्वकर्मा द्वारा किया गया।

Ad

Ad