
वाराणसी: आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 109वीं जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन
वक्ताओं ने एकात्म मानववाद और स्वराज की विचारधारा पर डाला प्रकाश, छात्राओं ने साझा किए पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जीवन से प्रेरणादायक विचार



वाराणसी, भदैनी मिरर। डोमरी (पड़ाव), रामनगर स्थित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय में गुरुवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 109वीं जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के शिक्षक–शिक्षिकाओं ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी और मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की।



महाविद्यालय के प्रवक्ता मुकेश गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय एक समावेशी विचारधारा के समर्थक थे। वे मानते थे कि भारतीय बुद्धि पर सिद्धांतों का प्रभुत्व है। उन्होंने आधुनिक तकनीक का स्वागत किया, लेकिन हमेशा भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार स्वराज और स्वशासन पर जोर दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत एकात्म मानववाद की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है।

इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं साक्षी सिंह, साधना पाल, ज्योति कुमारी, अंशु यादव, अंजली प्रजापति, अंतिमा और सुहानी कुमारी ने भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के जीवन और विचारों पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुप्रिया दुबे ने किया, जबकि अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अरुण कुमार दुबे द्वारा किया गया। संगोष्ठी में प्रमुख रूप से डॉ. सूर्य प्रकाश वर्मा, डॉ. प्रतिमा राय, दीपक गुप्ता, डॉ. लक्ष्मी, वैशाली पाण्डेय, डॉ. बलवंत सिंह, अंजली विश्वकर्मा, सुश्री नेहा सिंह, सोफिया खानम सहित कई शिक्षक–शिक्षिकाएं और छात्राएं मौजूद रहीं।


