
अब बनेगा इतिहास! यूपी कालेज को मिलने जा रहा राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा
कालेज के विभागों आदि का किया निरीक्षण, कहा-लॉ कालेज खोलने की प्रक्रिया शुरू करें




यूजीसी मानकों के तहत नये पद होंगे सृजित
वाराणसी, भदैनी मिरर। यूपी कालेज को राज्य विश्वविद्यालय बनाने की अब प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बाबत प्रदेश के प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव एमपी अग्रवाल शनिवार को कालेज पहुंचे और वहां की सुविधाओं की जानकारी ली।
एमपी अग्रवाल ने कालेज परिसर के सभी संकाय, लाइब्रेरी, लैब समेत अन्य सुविधाओं के बाबत पूछा और उनका निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्होंने कहाकि कालेज अपग्रेड होने पर यूजीसी मानकों के तहत नये पद सृजित होंगे। आश्वकता पड़ी तो नये भवन भी बनाये जाएंगे। प्रमुख सचिव ने कालेज के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह से कालेज की स्थपना से लगात इससे जुड़े इतिहास की जानकारी ली। प्राचार्य ने बताया कि प्रबंध समिति, शिक्षक और कर्मचारियों के कई पद रिक्त हैं। इस दौरान प्रमुख सचिव ने परिसर के उदय प्रताप पब्लिक स्कूल, आरएसएमटी, डेयरी फार्म के अलावा अन्य यूनिटों को भी देखा। इसके बाद प्रमुख सचिव फिजिक्स लैब पहुंचे और वहां प्रैक्टिकल कर रहे छात्रों से बात की। उन्होंने कालेज प्रबंधन से विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी ली। इसी बीच लॉ फैकल्टी खोलने पर चर्चा हुई तो प्रमुख सचिव ने कहाकि इसकी प्रक्रिया शुरू करें। साथ ही नर्सिंग, पैरामेडिकल, कम्प्यूटर आदि शुरू करने पर चर्चा हुई। निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव के साथ एसडीएम सदर अमित कुमार,विज्ञान संकाय के डीन प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह, यूजीसी सेल प्रभारी प्रो. देवेंद्र कुमार, आईक्यूएसी प्रभारी प्रो. मनोज प्रकाश त्रिपाठी आदि रहे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी घोषणा, मांगा था प्रस्ताव
गौरतलब है कि यूपी कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस समारोह में 25 नवंबर-2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे। राजर्षि सभागार में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था कि कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने के लिए प्रस्ताव भेजिए। यह भी कहा था कि निजी विश्वविद्यालय के रूप में भी स्थापित होने पर शिक्षकों या यहां की विरासत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अब इसके विश्वविद्यालय होने की प्रक्रिया शुरू होने से छात्रों और शिक्षकों में हर्ष का माहौल है।


मेडिकल और लॉ कालेज भी खुलेंगे, बढ़ेंगी सीटें
आपको बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के अंतर्गत उदय प्रताप विश्वविद्यालय (यूपीयू) या राजर्षि उदय प्रताप विश्वविद्यालय (आरयूपीयू) के तौर पहचान देने की मांग की गई थी। स्लोगन ‘दृढ़ राष्ट्रभक्ति पराक्रमश्च‘ ही तय किया गया है। इससे पहले 2009 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को राज्य विवि का दर्जा दिया गया था। वहीं 1974 में विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी बना था। उदय प्रताप शिक्षा समिति ने अपना पांच पेज का एजेंडा और छह खूबियां प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग मुख्य सचिव एमपी अग्रवाल को भेजी थी। प्रस्ताव के साथ ही कॉलेज के इंटरनल क्वालिटी एसेसमेंट सेल द्वारा बनाए गए रिज्यूलेशन को भी भेजा गया है। इस मामले में कालेज प्रशासन को सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब मिला। शासन को भेजे प्रस्ताव में राज्य विवि स्पष्ट किया गया है। राज्य विवि का दर्जा मिलने के बाद मेडिकल और लॉ कॉलेज भी खुलेंगे। प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश शुरू होंगे। सीटों और कोर्स की संख्या भी बढ़ेंगी।


