
काशी विद्यापीठ में मनाया गया पुरातन छात्र समागम, पूर्व छात्रों ने साझा की यादें
प्रो. राजेश मिश्र बोले— शिक्षण संस्था के प्रति भी छात्रों का होता है दायित्व, एलुमनी सेल से जुड़ने का आह्वान




वाराणसी,भदैनी मिरर। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में शनिवार को पुरातन छात्र समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व छात्र-छात्राओं ने न केवल विश्वविद्यालय में बिताए अपने स्वर्णिम दिनों को साझा किया, बल्कि संस्थान के विकास में सहभागी बनने का संकल्प भी दोहराया।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी के प्रतिनिधि प्रो. राजेश मिश्र ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि- “हर व्यक्ति का अपनी शिक्षण संस्था के प्रति दायित्व होता है। जिस संस्थान ने आपको आकार दिया है, उसका ऋण चुकाना एक नैतिक जिम्मेदारी है।”


एलुमनी नेटवर्क को सशक्त बनाने पर बल
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एलुमनी सेल के निदेशक प्रो. नलिनी श्याम कामिल ने कहा कि विद्यापीठ की समृद्ध परंपरा को बनाए रखने के लिए पूर्व छात्रों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने एलुमनी को 'समर्थ पोर्टल' पर पंजीकरण की प्रक्रिया को विस्तार से बताया और आग्रह किया कि सभी पूर्व छात्र इससे जुड़ें।

पूर्व छात्रों ने साझा कीं यादें और सुझाव
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अरविंद सिंह ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय स्तर पर 'पुरातन छात्र परिषद' (Alumni Council) का गठन होना चाहिए और इसके लिए उन्होंने हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। जनवार्ता समाचार पत्र के संपादक राजकुमार सिंह ने अपने छात्र जीवन की यादें साझा करते हुए कहा कि— “संस्थान ने हमें जो दिया, अब वक्त है कि हम उसे लौटाएं। हमें मिलकर विश्वविद्यालय की प्रगति में योगदान देना चाहिए।”
डॉ. विनोद सिंह ने विभाग की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और इसके शैक्षणिक विकास की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रभा शंकर मिश्र, स्वागत डॉ. मनोहर लाल और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नागेंद्र पाठक ने किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकगण और कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्र उपस्थित रहे जिनमें डॉ. रमेश कुमार सिंह, डॉ. शिवजी सिंह, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. विजय सिंह, डॉ. सरिता राव, डॉ. चन्द्रशील पांडेय, डॉ. देवेश श्रीवास्तव, तथा अजीत पांडेय, प्रिया श्रीवास्तव, मनीष सिंह, चंद्रकांत सिंह, प्रशांत शर्मा, राहुल सिंह, चांदनी शर्मा आदि प्रमुख रहे।


