
BHU की छात्रा अर्चिता के न्याय की लड़ाई लड़ेगी करणी सेना
पीएचडी प्रवेश में अनियमितता को लेकर सेंट्रल आफिस के बाहर धरने पर बैठी है छात्रा




करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी अपनी टीम के साथ छात्रा से मिले
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) सेंट्रल ऑफिस के बाहर धरने पर बैठी अर्चिता सिंह को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में करणी सेना अपनी टीम के साथ शुक्रवार की दोपहर धरनास्थल पहुंची। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि एडमिशन को लेकर है। अर्चिता पीएचडी में अपने एडमिश्न के लिए करीब 20 दिनों से परेशान हैं। उन्होंने फॉर्म और उससे सम्बंधित सारे कागजात दिये हैं। ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के अलावा सारे कागजात हैं। फिर भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। अर्पिता ने उन्हें बताया कि यहां के डीन अपने किसी खास को प्रवेश दिलाने के मकसद से अर्चिता को परेशान कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि अर्चिता को रिजेक्ट करके वह अपने करीबी को प्रवेश दिला सकें।

ऐसे मामलों से विश्व में खराब होगी बीएचयू छवि
उन्होंने कहाकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में अगर इस तरह का भ्रष्टाचार होगा तो पूरे विश्व में इस विश्वविद्यालय की छवि खराब होगी। अपने प्रवेश के लिए यह छात्रा अकेले बलिया से आई है और न्याय की गुहार लगा रही है। वह सेंट्रल ऑफिस की सीढ़ियों पर बैठकर अपने हक की लड़ाई लड़ रही है, यह इतने बड़े संस्थान के लिए शर्म की बात है। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। मुख्यमंत्री हफ्ते या 10 दिन पर एक बार यहां आ जाते हैं। मेरी मांग है कि बीएचयू प्रशासन बिना भेदभाव के अति शीघ्र न्याय करे।


आरएसएस से बड़ी है करणी सेना, नहीं माने तो आगरा जैसा होगा हाल
राकेश सिंह ने कहाकि यदि इस छात्रा को 24 घंटे में न्याय नही मिला पूरे यूपी की करणी सेना बनारस में धरना-प्रदर्शन करेगी। हमारा संगठन 27 राज्यों में और आरएसएस से भी बड़ा है। फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने न्याय नही किया तो आगरा जैसी स्थिति यहां भी बन सकती है। उन्होंने कहाकि छात्रा अर्चिता न्याय के लिए संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत लोकतांत्रिक ढंग से अपना पक्ष रख रही है। यदि इसकी भी बात नही सुनी जाएगी तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। करणी सेना अर्चिता की न्याय की लड़ाई में उसके साथ है। हम हर हाल में उसे न्याय दिलाने में उसकी मदद करेंगे। राकेश सिंह ने कहाकि इससे पहले छात्र शिवम के साथ भी ऐसी ही घटना हुई थी। बात सिर्फ अर्चिता और शिवम की नही हैं। यह व्यवस्था का सवाल है। छात्रा के साथ भेदभाव हुआ है। शिवम सोनकर को तो न्याय मिल गया लेकिन अब अर्चिता की लड़ाई जारी है। उन्होंने यह भी कहाकि इस समय काशी हिंदू विश्वविद्यालय की हालत बहुत ही खराब है। वाइसचांसलर समेत यहां के वरिष्ठ अधिकारियों को समझना चाहिए कि ऐसे कारनामों से विश्वविद्यालय की छवि पूरी दुनिया में खराब होती है। इसलिए करणी सेना ने यह तय किया है कि वह अर्चिता को न्याय दिलाकर ही जाएगी। उधर, अर्चिता से करणी सेना के लोगों के मिलने की खबर मिलते ही एसीपी भेलूपुर भी मौके पर पहुंचे और छात्रा से बातचीत की थी।


