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बाल विद्यालय डोमरी में कजरी प्रतियोगिता, बच्चों और अध्यापिकाओं ने मनमोहक प्रस्तुतियों से जीता दिल

छात्राओं ने कजरी गीतों पर किया आकर्षक नृत्य, अध्यापिकाओं ने स्वर और कला से सजाया मंच

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Bal Vidyalaya
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निदेशक मुकुल पाण्डेय ने कजरी को भारतीय संस्कृति की धरोहर बताया

वाराणसी, भदैनी मिरर। बाल विद्यालय माध्यमिक स्कूल, डोमरी में आज (25 अगस्त 2025) को बच्चों ने कजरी प्रतियोगिता का शानदार प्रस्तुतीकरण किया। छात्राओं ने कजरी गीतों पर नृत्य कर अपनी कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में अध्यापिकाओं ने भी अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा।
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कार्यक्रम में सोनिया मिश्रा का कजरी गायन अविस्मरणीय रहा, जबकि अनीता पाण्डेय, शशि पाण्डेय, श्वेता पाण्डेय और रितु दूबे द्वारा तैयार किए गए नृत्य को दर्शकों से खूब सराहना मिली। संगीत संगत में हरेन्द्र पाण्डेय ने हारमोनियम और दीपक मिश्रा ने तबला बजाकर माहौल को और सुरम्य बना दिया।
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Kajri mahotsav
प्रधानाचार्या नीता त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं बच्चों की कला को मंच देती हैं और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ती हैं।
Kajri mahotsav
कार्यक्रम के अंत में निदेशक मुकुल पाण्डेय ने कजरी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि -"कजरी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है, जिसका उद्गम मीरजापुर से माना जाता है और जो वाराणसी समेत पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में समय-समय पर गायी जाती रही है। आज यह कला धीरे-धीरे भुला दी जा रही है, जबकि हमारी संस्कृति में अपनेपन को भुलाने का कोई स्थान नहीं है।"
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उन्होंने आह्वान किया कि इस विधा का समय-समय पर मंचन और प्रदर्शन होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी भारतीय संस्कृति की इस धरोहर को संजोए रख सकें।
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