Movie prime
Ad

ओटानी यूनिवर्सिटी के 40 प्रतिनिधि पहुंचे वाराणसी, BHU में भारत-जापान अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम

वैश्विक विश्वविद्यालय बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम – कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी

Ad

 
India-Japan Academic and Cultural Exchange Programme at BHU
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

ओटानी विश्वविद्यालय का 350 साल पुराना इतिहास और भारत से गहरा रिश्ता

अकादमिक विमर्श और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बढ़ाई भारत-जापान की निकटता

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में शुक्रवार को भारत-जापान अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम-2025 का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम पालि एवं बौद्ध अध्ययन विभाग और अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में कला संकाय स्थित प्रेमचंद सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर ओटानी विश्वविद्यालय, जापान, के 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।

Ad
Ad
Ad

कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बीएचयू को वैश्विक विश्वविद्यालय बनाने के लिए दुनियाभर के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ शैक्षणिक सहयोग आवश्यक है। विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच संवाद और भ्रमण कार्यक्रम से ज्ञान और संस्कृति के गहरे संबंध स्थापित होंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह आयोजन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि ज्ञान और सहयोग का बीज है, जिसे हमें मिलकर विकसित करना होगा।

Ad

ओटानी विश्वविद्यालय

ओटानी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर रहीं डॉ. शोभा रानी दास ने 350 साल पुराने इस विश्वविद्यालय की विरासत पर प्रकाश डालते हुए भारत से ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जापान यात्रा के दौरान, भारत सरकार ने विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण के लिए एक मिलियन येन की राशि और धार्मिक पुस्तकें भेंट की थीं, जिनमें भगवद गीता भी शामिल थी।

Ad

India-Japan Academic and Cultural Exchange Programme at BHU

कार्यक्रम में कला संकाय की प्रमुख प्रो. सुषमा घिण्डियाल ने दोनों विश्वविद्यालयों को ऐतिहासिक विरासत का वाहक बताया। वहीं, पालि एवं बौद्ध अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने विभाग के इतिहास और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार यादव ने कहा कि विभाग श्रीलंका, ताइवान और अन्य देशों के विश्वविद्यालयों से भी सहयोग बढ़ा रहा है, जिससे भविष्य में बीएचयू को वैश्विक ख्याति मिलेगी।

कार्यक्रम की शुरुआत महामना और भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित, दीप प्रज्वलन और बौद्ध मंगल पाठ से हुई। इसके बाद ओटानी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने महायान जप (Mahayana Chanting) प्रस्तुत कर कार्यक्रम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार किया। समापन सत्र में अकादमिक विमर्श, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, शास्त्रीय वाद्य और नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर कला संकाय के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, विद्यार्थी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत और जापान के बीच शैक्षिक व सांस्कृतिक संबंधोंबको और मजबूत करना रहा।

Ad

Ad

FROM AROUND THE WEB