
Drishti IAS पर 5 लाख का जुर्माना: विकास दिव्यकीर्ति के कोचिंग संस्थान पर भ्रामक विज्ञापन का आरोप
CCPA ने भ्रामक विज्ञापन के लिए लगाया 5 लाख का जुर्माना, UPSC CSE 2022 में ‘216+ चयन’ के दावे की हुई पोलखोल



162 छात्रों ने केवल इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) जॉइन किया था
पहले भी लग चुका है 3 लाख का जुर्माना
54 से ज्यादा कोचिंग संस्थानों पर अब तक कार्रवाई
नई दिल्ली। UPSC अभ्यर्थियों के बीच चर्चित कोचिंग संस्थान Drishti IAS, जिसे डॉ. विकास दिव्यकीर्ति चलाते हैं, पर एक बार फिर भ्रामक विज्ञापन को लेकर कार्रवाई हुई है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने संस्थान पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया है।
डॉ. दिव्यकीर्ति के इस संस्थान ने अपने विज्ञापन में दावा किया था कि “216+ चयन UPSC CSE 2022” में हुए। लेकिन जांच में सामने आया कि इस दावे में महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाया गया था।


क्या थी Drishti IAS की गलती?
CCPA की जांच में पाया गया कि जिन 216 उम्मीदवारों का नाम और फोटो विज्ञापन में शामिल किया गया था, उनमें से 162 छात्रों ने केवल इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) जॉइन किया था। ये छात्र प्रीलिम्स और मेन्स अपने दम पर पास करने के बाद सिर्फ फ्री IGP में शामिल हुए थे।
केवल 54 उम्मीदवारों ने IGP के साथ-साथ अन्य पेड कोर्स भी किए थे।

जांच में यह साफ हुआ कि इस तरह की जानकारी छिपाने से अभ्यर्थियों और उनके परिवारों को यह भ्रम हुआ कि Drishti IAS ने उनकी पूरी UPSC यात्रा (Prelims, Mains और Interview) में सफलता दिलाई है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत यह भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आता है।

पहले भी लग चुका है जुर्माना
यह Drishti IAS पर दूसरी बड़ी कार्रवाई है। सितंबर 2024 में भी संस्थान पर ₹3 लाख का जुर्माना लगाया गया था। तब 2021 के ‘150+ चयन’ के दावे की जांच में पता चला था कि अधिकांश उम्मीदवार केवल IGP में शामिल हुए थे।
CCPA ने कहा कि अब तक देशभर में 54 से ज्यादा कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से 26 संस्थानों पर कुल ₹90.6 लाख से ज्यादा के जुर्माने लगाए गए हैं।
CCPA ने सभी कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अपने विज्ञापनों में पारदर्शिता रखें और छात्रों को सही जानकारी दें, ताकि वे सूझबूझ के साथ शैक्षिक विकल्प चुन सकें।

