
Operation Sindoor Briefing: 25 मिनट के ऑपरेशन सिंदूर में 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त, भारतीय सेना ने खोल दी पाक की पोल
जाने भारतीय सेना के टारगेटेड ठिकाने कौन-कौन से और किसके थे




नई दिल्ली,भदैनी मिरर। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के महज दो हफ्तों के भीतर भारत ने निर्णायक सैन्य कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। इस सैन्य अभियान को "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया गया है। बुधवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी।

भारतीय सैनिकों ने 25 मिनट के लिए ऑपरेशन सिंदूर को एक्टिव किया और चिन्हित 9 आतंकी ठिकानों पर इतने हमलें किए कि आतंकिस्तान अब लाशें गिन रहा है। रात करीब 1:05 मिनट पर ऑपरेशन सिंदूर शुरु हुआ और आधिकारिक रुप से 1:30 मिनट पर ऑपरेशन खत्म हो गया। इन 25 मिनट में भारतीय सैनिकों ने पाक अधिकृत कश्मीर, पंजाब राज्य के अलावा पाकिस्तान में करीब 100 किलोमीटर तक घुसकर कार्रवाई को अंजाम दिया है, इस कार्रवाई में अब तक 50 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि इसका आंकड़ा भारतीय सेना द्वारा नहीं जारी किया गया है। सेना ने यह साफ किया है कि इस हमले में केवल आतंकियों को निशाना बनाया गया है, किसी भी निर्दोष नागरिकों पर यह हमला नहीं किया गया।


विदेश सचिव ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हमला किया था। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक विदेशी पर्यटक की निर्मम हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने पीड़ितों को उनके परिवार के सामने सिर में गोली मारकर मौत के घाट उतारा और परिवार वालों को चेतावनी दी कि वे यह बर्बरता का संदेश फैलाएं।

हमले का मकसद स्पष्ट था- जम्मू-कश्मीर में लौटती सामान्य स्थिति और फलते-फूलते पर्यटन को खत्म करना, और भारत के भीतर साम्प्रदायिक तनाव भड़काना।
ऑपरेशन सिंदूर न्याय की कार्रवाई
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस को बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6-7 मई की रात को अंजाम दिया गया एक संयुक्त सैन्य अभियान था। इसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना की सटीक तालमेल के साथ PoK और पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया।
ये ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के प्रशिक्षण शिविर, भर्ती केंद्र और लॉन्च पैड थे।
टारगेटेड ठिकानों में शामिल थे:
- मुरीदके का मरकज तैयबा: लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय, जहाँ अजमल कसाब को प्रशिक्षण मिला था
- कोटली अब्बास कैंप (PoK): 1500 से अधिक आतंकियों का प्रशिक्षण केंद्र
- बहावलपुर और महमूना जोया (पाकिस्तान): जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय शिविर
इन हमलों को विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर अंजाम दिया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि न तो किसी आम नागरिक को नुकसान पहुंचे, न ही कोई सैन्य ठिकाना निशाना बने।
आतंकी लश्कर का गढ़ हुआ ध्वस्त
- कर्नल कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन में निम्नलिखित प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया:
- PoK के सवाई नाला और कोटली अब्बास, जहाँ पाकिस्तानी आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी।
- पंजाब (पाकिस्तान) के बहावलपुर और महमूना जोया, जो जैश-ए-मोहम्मद के नियंत्रण में थे।
- मुरीदके स्थित 'मरकज तैयबा', लश्कर का मुख्यालय, जहाँ अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी, को भी पूर्ण रूप से तबाह किया गया।
विंग कमांडर सिंह ने कहा, "हमने नौ आतंकी शिविरों को सटीकता से नष्ट किया है। इनमें से कई दशकों से आतंकी गतिविधियों के केंद्र रहे हैं।"
लश्कर का मुखौटा है 'द रेजिस्टेंस फ्रंट'
विक्रम मिस्री ने प्रेस को बताया कि हमले की जिम्मेदारी जिस संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है, वह लश्कर-ए-तैयबा का ही मुखौटा संगठन है। उन्होंने कहा, "भारत ने इस संगठन की गतिविधियों की जानकारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पहले ही दी थी। पाकिस्तान ने TRF का नाम UNSC के बयान से हटवाने की कोशिश की, जिससे उसका संलिप्तता स्पष्ट होती है।"
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद नाकामी
विदेश सचिव ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान एक आतंकवाद समर्थक राष्ट्र बन चुका है, जहाँ आतंकी खुलेआम संरक्षण पाते हैं। उन्होंने साजिद मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने उसे मरा हुआ घोषित किया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसे जीवित पाया गया।
हर हमले का मिलेगा जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन करते हुए विदेश सचिव ने स्पष्ट किया, "भारत की कार्रवाई नपी-तुली, लक्ष्यभेदी और आत्मरक्षा में की गई जवाबी कार्रवाई है। इसका उद्देश्य भारत को अस्थिर करने वाले आतंकी ढांचे को समाप्त करना है।"

