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रिटायर हो रहे है CJI बीआर गवई, जानें कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत जो होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश

 हरियाणा के मिडिल क्लास परिवार से शुरू की थी सफर, जस्टिस सूर्यकांत 24 मई 2019 से सुप्रीम कोर्ट में दे रहे सेवाएं
 

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट से लगभग एक महीना पहले नए सीजेआई के चयन की प्रक्रिया आरंभ की जाती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं।

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संविधान के अनुच्छेद और न्यायिक परंपरा के मुताबिक, भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर उसी न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है जो सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठता क्रम में सबसे ऊपर हों और जिन्हें पद के लिए उपयुक्त समझा जाए। इस प्रक्रिया के तहत केंद्रीय कानून मंत्री वर्तमान सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी के लिए औपचारिक सिफारिश मांगते हैं।

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हरियाणा के मिडिल क्लास परिवार से शुरू हुआ सफर

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1984 में महार्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। उसी वर्ष उन्होंने हिसार जिला अदालत में वकालत शुरू की और 1985 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस के लिए चंडीगढ़ स्थानांतरित हो गए।

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युवा एडवोकेट जनरल से लेकर सुप्रीम कोर्ट जज तक का सफर

जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए। उन्हें 2001 में वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा मिला। इसके बाद 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
उन्होंने दो कार्यकालों तक राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के सदस्य के रूप में भी कार्य किया।

5 अक्टूबर 2018 को वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और इसके बाद 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत हुए।


विशेषज्ञता और योगदान

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत संवैधानिक, सेवा और सिविल मामलों में विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों, बैंकों, बोर्ड्स और कॉर्पोरेशनों का प्रतिनिधित्व किया है। वे अपनी सादगी, गहन कानूनी समझ और न्याय के प्रति ईमानदार दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

रिटायरमेंट और कार्यकाल

जस्टिस सूर्यकांत 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे। उनके नेतृत्व में न्यायपालिका से कई अहम सुधारों और न्यायिक पारदर्शिता की उम्मीद की जा रही है।

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