
वाराणसी: नेपाली बाग में युवक की संदिग्ध मौत, तीसरी पत्नी रिया बेटी संग फरार, जाँच में जुटी पुलिस
शिवपुर थाना क्षेत्र में किराए के मकान में मिला विकास वर्मा का शव, देर रात पत्नी से हुआ था झगड़ा, रिया बेटी के साथ फरार




वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी के शिवपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नेपाली बाग इलाके में रविवार को एक 35 वर्षीय युवक विकास वर्मा का शव उसके किराए के मकान में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। घटना के बाद उसकी तीसरी पत्नी रिया अपनी 5 वर्षीय बेटी के साथ फरार हो गई, जिससे हत्या की आशंका और गहरा गई है।


घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर डीसीपी वरुणा प्रमोद कुमार, एसीपी विदूष सक्सेना, थाना प्रभारी सहित फॉरेंसिक टीम पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
मृतक के पिता विजयी रावत के अनुसार, मृतक विकास की पहले दो पत्नियाँ थीं। पहली पत्नी रीता से तीन बच्चे—अंजलि (15), आयुष (12) और निकेश (8) हैं, जो जौनपुर जिले के जयसिंह हथेरा गांव में रहते हैं।


कुछ वर्ष पहले विकास ने अपने परिवार को छोड़कर शहर में रहना शुरू किया। पहले एक मुस्लिम महिला के साथ रहा और फिर रिया नाम की युवती से शादी कर नेपाली बाग में किराए पर रहने लगा। रिया से उसकी एक 5 साल की बेटी है। दोनों बाबतपुर के एक होटल में साथ काम करते थे। विकास के शराब पीने की लत और घरेलू झगड़े लगातार चलते रहते थे।

मृतक के पिता ने बताया कि बेटा अक्सर रिया से झगड़ता था। दो साल पहले बड़ागांव थाने में शिकायत भी दर्ज की गई थी, लेकिन समझौते के बाद दोनों को छोड़ दिया गया।
रविवार सुबह मकान मालिक संजय गुप्ता ने सूचना दी, जो मकान की पहली मंजिल पर रहते हैं। उन्होंने बताया कि देर रात तक पति-पत्नी के बीच काफी झगड़ा हुआ था और सुबह जब दरवाजा खुला नहीं मिला तो ऊपर जाकर देखा कि विकास ज़मीन पर गिरा पड़ा है और कोई हरकत नहीं कर रहा था। दरवाजा अंदर से बंद था और आशंका है कि रिया छत के रास्ते बच्ची के साथ फरार हो गई।
पुलिस को विकास के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं मिली, लेकिन सिर के पिछले हिस्से में हल्की चोट के निशान थे। फिलहाल हत्या या हादसा इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।
डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि मृत्यु के कारण की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही की जा सकेगी। फिलहाल सभी पहलुओं से जांच जारी है। कथित पत्नी रिया की तलाश की जा रही है।
मृतक की पहली पत्नी रीता, माता गीता देवी, पिता विजयी रावत, भाई गोलू और बच्चे सदमे में हैं। पिता ने कहा: "अगर बेटा हमारी बात मानकर परिवार के साथ रहता, तो शायद आज ज़िंदा होता।"

