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Varanasi : जेठ को दुष्कर्म व दहेज प्रताड़ना के मामले में मिली जमानत, फास्ट ट्रैक कोर्ट का आदेश  

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Anuj Yadav
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वाराणसी,भदैनी मिरर।  दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म के संगीन आरोपों का सामना कर रहे चंदौली जिले के निवासी मनीष तिवारी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। फास्ट ट्रैक कोर्ट, मनोज कुमार की अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत प्रदान की है। कोर्ट ने आरोपी को एक-एक लाख रुपये के दो जमानती बांड और बंधपत्र जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव, देव प्रसाद और नितेश सिंह ने अदालत में पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी मनीष तिवारी को झूठे आरोपों में फंसाया गया है और मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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शादी के कुछ ही दिन बाद शुरू हुई प्रताड़ना  

 

अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता ने लंका थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के अनुसार, उसकी शादी 18 अप्रैल 2024 को प्रवीण तिवारी के साथ कैलाश मठ लॉन, वाराणसी में संपन्न हुई थी। शादी के बाद जब वह अपने ससुराल पहुँची तो उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा।

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पीड़िता का आरोप है कि उसका पति प्रवीण तिवारी, ससुर बेचन तिवारी और जेठ मनीष तिवारी लगातार उस पर दहेज लाने का दबाव बना रहे थे। यही नहीं, उसके ससुर और जेठ उस पर अश्लील टिप्पणियाँ करते और उसके साथ अशोभनीय हरकतें भी करने लगे। जब पीड़िता ने इसकी शिकायत अपने पति और जेठानी से की तो उल्टा उसे ही गालियां दी गईं और बुरी तरह पीटा गया।

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कमरे में घुसकर दुष्कर्म का आरोप 

 

प्राथमिकी में यह भी आरोप है कि एक दिन मनीष तिवारी जबरन उसके कमरे में घुस आए और उसके साथ दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर जब परिवार के सदस्य आए तो आरोपी को रोकने के बजाय पीड़िता को ही मारा-पीटा गया। इसके बाद उसकी तबियत खराब हो गई, जिसके बाद परिवार वालों ने एक डॉक्टर बुलाकर उसे इंजेक्शन लगाया, जिससे वह बदहवास हो गई। इस अवस्था का फायदा उठाकर मनीष तिवारी ने उसके साथ कई बार जबरदस्ती की।


घटना के कुछ समय बाद, 5 जुलाई 2024 को पीड़िता की हालत अचानक बिगड़ गई और अत्यधिक ब्लीडिंग होने लगी। ससुराल वालों ने उसे बीएचयू में भर्ती कराया और पीड़िता के पिता और भाई को फोन कर बुलाया। अस्पताल में छह दिन तक इलाज चलने के बाद 11 जुलाई को उसे वापस घर ले जाया गया, लेकिन ससुराल वालों ने उसे रखने से साफ इनकार कर दिया।


पीड़िता के अनुसार, जब उसके पिता ने बार-बार गुहार लगाई तो ससुराल वालों ने उन्हें गालियां दीं और जान से मारने की धमकी तक दे डाली। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सभी आरोपों की विवेचना शुरू की और मनीष तिवारी के विरुद्ध दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

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