वाराणसी साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी सफलता, 34 लाख की ठगी करने वाले दो इनामी जालसाज गिरफ्तार




Varanasi : वाराणसी की साइबर क्राइम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने जालसाजी कर दूसरे के नाम पर क्रेडिट कार्ड मंगवाया और उससे 34 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया। इस मामले में पीड़ित की ओर से वर्ष 2024 में केस दर्ज कराया गया था, जिसमें पहले ही दो आरोपी जेल भेजे जा चुके थे, जबकि बाकी दो फरार चल रहे थे।

10-10 हजार के इनामी बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे
काफी समय से फरार चल रहे दोनों आरोपियों को अब वाराणसी साइबर सेल ने दबोच लिया है। दोनों अपराधियों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित था। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से एक कार, दो मोबाइल और नकदी भी बरामद हुई। पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

गुड़गांव निवासी ने कराया था मुकदमा दर्ज
साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 2024 में अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक, गुड़गांव में कार्यरत जूड रेज फ्रेंकलिन ने एफआईआर संख्या 129/24 दर्ज कराई थी। उन्होंने शिकायत में बताया कि कुछ अज्ञात लोग फर्जी आधार और पैन कार्ड के जरिए क्रेडिट कार्ड बनवाकर ठगी कर रहे हैं। इसी तरह एक पीड़ित के नाम पर क्रेडिट कार्ड बनाकर 34 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।

पहले दो गिरफ्तार, अब दो और बदमाश चढ़े हत्थे
शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई थी। पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जबकि दो मुख्य आरोपी फरार चल रहे थे। डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने दोनों पर इनाम घोषित किया था। अब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और दोनों इनामी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अच्छे सिविल स्कोर वालों को बनाते थे निशाना
पूछताछ में आरोपियों की पहचान पंकज प्रजापति (निवासी चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया, मंडुआडीह, वाराणसी) और संदीप भारती (निवासी महेशपुर, मंडुआडीह, वाराणसी) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि जल्दी अमीर बनने के लालच में उन्होंने यह रास्ता अपनाया। ये लोग उन व्यक्तियों का डेटा जुटाते थे जिनका सिविल स्कोर अच्छा होता है, क्योंकि उन्हें 40 से 50 लाख की लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड आसानी से मिल जाते हैं।
वे फर्जी दस्तावेज बनाकर उनके नाम से कार्ड मंगवाते और उन बैंकों को चुनते थे जो वीडियो कॉल के जरिये केवाईसी करते हैं। इसके बाद उन कार्ड्स से शॉपिंग कर अपने शौक पूरे करते थे।

