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Varanasi: पुलिस की गोली से घायल हुआ गौ-तस्कर, मुठभेड़ में हुआ अरेस्ट

गौ-तस्करी गैंग के मास्टरमाइंड का पर्दाफाश, मौके से बरामद तमंचा और कारतूस

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Police encounter
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रिपोर्ट - मनीषा मीनाक्षी 

वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी पुलिस ने गौ-तस्करी के कुख्यात सरगना गोविन्द सिंह को एक नाटकीय मुठभेड़ में गिरफ्तार कर न्यायालय की सलाखों तक पहुँचाया। यह 25 हजार रुपये का इनामी अपराधी, जिसके खिलाफ 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं, लंबे समय से पुलिस की वांछित सूची में था।
मुठभेड़ की सनसनीखेज कहानी
मंगलवार देर रात, मुखबिर की सूचना पर बड़ागाँव और फूलपुर थानों की संयुक्त पुलिस टीम ने वरुणा पुल, रामेश्वर के पास घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने गोविन्द सिंह को रोकने का प्रयास किया, उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी और उसे तुरंत हिरासत में लिया गया। घायल अवस्था में गोविन्द को अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके से पुलिस ने एक देसी तमंचा, एक जिंदा कारतूस और एक खोखा कारतूस बरामद किया।
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गौ-तस्करी गैंग का खुलासा
पूछताछ में गोविन्द सिंह ने एक संगठित अंतरराज्यीय गौ-तस्करी नेटवर्क का खुलासा किया। उसके अनुसार गायों को उत्तर प्रदेश से 500–600 रुपये में खरीदा या चुराया जाता था और बिहार के मेलों में 10,000 रुपये तक बेचा जाता था। पश्चिम बंगाल पहुंचने पर उनकी कीमत और भी बढ़ जाती थी। गोविन्द के भाई राजू सिंह, जो जेल में हैं, भी इस नेटवर्क का हिस्सा थे।
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अपराधी का काला इतिहास
गोविन्द सिंह के खिलाफ गौवध निवारण अधिनियम, पशु क्रूरता अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और बीएनएस की धाराओं में 9 मामले दर्ज हैं।
गोमती जोन पुलिस ने बताया कि यह नेटवर्क अत्यंत संगठित था। गिरफ्तारियों का अभियान लगातार जारी रहेगा और बाकी गैंग के सदस्य भी जल्द पकड़े जाएंगे। यह गिरफ्तारी वाराणसी पुलिस की गौ-तस्करी के खिलाफ चल रही मुहिम में बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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