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इलाज में लापरवाही और मरीज की पिटाई का आरोप, वाराणसी कोर्ट ने डॉक्टर को किया तलब

सारनाथ के दीर्घायु हॉस्पिटल के डॉ. शिवकुमार जायसवाल पर आरोप — किडनी स्टोन की जगह गॉल ब्लैडर काटा, विरोध करने पर मरीज की कराई पिटाई

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वाराणसी, भदैनी मिरर। इलाज में लापरवाही और मरीज की पिटाई के आरोप में अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सप्तम जयति की अदालत ने सारनाथ के दीर्घायु हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर के चिकित्सक डॉ. शिवकुमार जायसवाल को बतौर आरोपी 4 दिसंबर 2025 को तलब किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, परिवादी संदेह सिंह को किडनी में पथरी की शिकायत थी। ऑपरेशन के लिए उन्होंने डॉ. शिवकुमार के अस्पताल में भर्ती होकर 19 सितंबर 2020 को सर्जरी कराई थी। दो दिन बाद डॉक्टर ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।
लेकिन एक माह बाद जब उन्होंने दोबारा जांच कराई तो पता चला कि किडनी की पथरी 11 एमएम से बढ़कर 18 एमएम हो गई है। इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि डॉक्टर ने किडनी की पथरी निकालने के बजाय गॉल ब्लैडर को काटकर निकाल दिया था। जबकि मरीज को गॉल ब्लैडर में नहीं, बल्कि किडनी में पथरी थी।
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जब मरीज इस गलती की शिकायत करने अस्पताल पहुंचा, तो आरोप है कि डॉ. शिवकुमार ने अपने बाउंसरों से उसकी पिटाई करवाई और जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में मरीज ने भोजूबीर स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराया और पुलिस से शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
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पुलिस से न्याय न मिलने पर मरीज ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने परिवादी के साक्ष्यों को देखते हुए चिकित्सक को आरोपी मानते हुए समन जारी किया और 4 दिसंबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
इस मामले ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की लापरवाही और मरीजों के साथ होने वाले दुराचार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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