
UP-STF ने वाराणसी से 2 असलहा तस्करों को दबोचा, बिहार से लाई गई मैगजीन और पिस्टलें बरामद
मुंगेर के असलहा सप्लायर से था नेटवर्क का संपर्क, लालपुर पांडेयपुर थाने में केस दर्ज




वाराणसी, भदैनी मिरर डेस्क| उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को गुरुवार 17 जुलाई 2025 को वाराणसी में अन्तर्राज्यीय अवैध असलहा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करने में बड़ी सफलता हाथ लगी। एसटीएफ ने दो तस्करों को चार अवैध पिस्टल (32 बोर), सात मैगजीन, तीन मोबाइल और एक टाटा जेस्ट कार के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रामचन्दीपुर (चौबेपुर) वाराणसी निवासी समर बहादुर सिंह उर्फ मोनू सिंह और बिहार के मटाडीह (धरहरा) मुंगेर निवासी भोला कुमार साव है। दोनों की अरेस्टिंग यूपी एसटीएफ ने बावन बीघा रिंग रोड अंडरपास थाना लालपुर पांडेयपुर से किया है।


एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि पिछले कुछ समय से पूर्वांचल में अवैध हथियार तस्करी की खुफिया सूचनाएं मिल रही थीं। इस संबंध में एसटीएफ वाराणसी की फील्ड यूनिट ने मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) के साथ साझा इनपुट पर कार्रवाई की। 17 जुलाई को सूचना मिली कि मुंगेर से एक तस्कर भारी मात्रा में असलहा लेकर वाराणसी आने वाला है।


निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने घेराबंदी कर दोनों तस्करों को मौके पर दबोच लिया। गिरफ्तार समर बहादुर सिंह उर्फ मोनू ने पूछताछ में बताया कि वह पहले ट्रैवल्स में कार चलाता था, जहां उसकी पहचान राहुल सिंह (मृत) नामक ड्राइवर से हुई। राहुल के जरिए उसकी जान-पहचान मुंगेर (बिहार) के बड़े असलहा सप्लायर गोविन्द साव से हुई। समर बहादुर ने बताया कि गोविन्द साव से वह 15,000 रुपए प्रति पिस्टल में खरीदकर, उसे पूर्वांचल व सीमावर्ती बिहार में 40-50 हजार रुपए प्रति पिस्टल में बेचता था। गोविन्द साव अलग-अलग डिलीवरी बॉयज़ के माध्यम से असलहे भेजता था, जिन्हें हर चक्कर के 3,000 रुपए मिलते थे।

बता दें, भोला साव मुंगेर निवासी है और गोविन्द साव के लिए काम करता है। वह गोविन्द के कहने पर पिस्टल लेकर वाराणसी समर बहादुर तक पहुंचाता था। उसी क्रम में वह 17 जुलाई को वाराणसी पहुंचा, जहां उसे धर दबोचा गया। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना लालपुर पांडेयपुर में मुकदमा आर्म्स एक्ट में दर्ज किया गया है।

