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UP: डेढ़ लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया दरोगा, केस दर्ज होते ही हुआ सस्पेंड 

दहेज उत्पीड़न केस में एफआर लगाने के बदले मांगी थी तीन लाख की रिश्वत, विजिलेंस टीम की कार्रवाई में आरोपी दरोगा गिरफ्तार, एसएसपी ने किया सस्पेंड

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मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में गुरुवार को विजिलेंस टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रोहटा थाने में तैनात उप निरीक्षक (दरोगा) सनी सिंह को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दरोगा दहेज उत्पीड़न के एक मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने के लिए पीड़ित पक्ष से तीन लाख रुपये की मांग कर रहा था। सौदा डेढ़ लाख रुपये में तय हुआ था।

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दरोगा ने यह रिश्वत सेना में कार्यरत एक अधिकारी ओमवीर सिंह से मांगी थी, जिनकी बहू ने उनके खिलाफ 14 मई को दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में विजिलेंस को सूचना दी, जिसके बाद टीम ने आरोपी दरोगा को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया।

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गिरफ्तारी के वक्त हाथापाई, भागने की कोशिश

विजिलेंस टीम ने गुरुवार दोपहर शोभापुर चौकी के पास दरोगा को बुलवाया और केमिकल लगे नोट ओमवीर सिंह से दिलवाए। जैसे ही दरोगा ने पैसे लिए, टीम ने उसे दबोच लिया। लेकिन गिरफ्तारी के दौरान दरोगा ने टीम से हाथापाई की और मौके से फरार होने की कोशिश की। इस दौरान विजिलेंस टीम के कुछ सदस्य घायल भी हुए और उनके कपड़े फट गए।

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साक्ष्य में व्हाट्सएप कॉल और रिकॉर्डिंग भी शामिल

विजिलेंस टीम के अनुसार आरोपी दरोगा और शिकायतकर्ता के बीच व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से बातचीत हुई थी, जिसमें रिश्वत की मांग की पुष्टि हुई। ये कॉल रिकॉर्डिंग और चैटिंग साक्ष्य के रूप में पुलिस के पास मौजूद हैं।

दरोगा पर मुकदमा दर्ज, एसएसपी ने किया सस्पेंड

घटना के बाद विजिलेंस टीम आरोपी को कंकरखेड़ा थाने लेकर गई जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। एसपी विजिलेंस इंदू सिद्धार्थ ने खुद थाने पहुंचकर पूछताछ की और एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा को पूरी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर आरोपी दरोगा सनी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

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