
किशोरी को घर में बुलाकर किया दुष्कर्म, पति और पत्नी को आजीवन कारावास
पत्नी ने बुलाया घर और पति ने किया बलात्कार




वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र के 2018 में हुई थी घटना
छह साल अदालत में चली सुनवाई, कोर्ट ने लगाया 50-50 हजार जुर्माना
वाराणसी भदैनी मिरर। रोहनिया थाना क्षेत्र में पड़ोस की किशोरी को बुलाकर दुष्कर्म की घिनौनी वारदात के मामले में स्पेशल जज ने पति और पत्नी को सजा सुनाई। अदालत में छह साल तक चली सुनवाई के बाद वारदात को अंजाम देने वाले आरोपित के अलावा उसकी मददगार पत्नी को भी आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। इस दौरान कोर्ट ने महिला होकर पति से बच्ची का दुष्कर्म कराने वाली महिला के क्रियाकलापों को अमर्यादित बताया और दोनों को रेप की घटना में बराबर का दोषी माना। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की अदायगी न करने पर दम्पती को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

जिला एवं सत्र न्यायालय की विशेष अदालत ने छह साल से ट्रॉयल पर चल रहे रेपकेस में शुक्रवार को को फैसला सुना दिया। न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विनोद कुमार की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोपित दंपती को दोषी पाया। पीड़िता की तहरीर और कोर्ट में बयान, पुलिस की चार्जशीट, साक्ष्य और गवाहों के आधार पर दुष्कर्मी पुनवासी गुप्ता और विमला देवी का दोष सिद्ध हुआ। इसके बाद अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश देते हुए तल्ख टिप्पणी की।


घर बुलाकर खिलाया और बुझा दी लाईट
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता की मां ने रोहनिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि पांचवीं में पढ़ने वाली उसकी बेटी 7 अक्टूबर 2018 की रात घर से वाशिंग पाउडर लेने दुकान जा रही थी। रास्ते में विमला देवी उसे मिली और अपने घर ले गई। किशोरी से बातें और हाल-चाल लेने के बाद विमला देवी ने उसकी बेटी को खाना खिलाया और कमरे की लाईट बंद कर दी। इसके बाद कमरे में उसका पति पुनवासी गुप्ता आया और उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया।

अभियोजन ने पेश किये नौ गवाह
इसके बाद घर पहुंची बेटी की आपबीती सुनकर किशोरी की मां उसे लेकर रोहनिया थाने गई। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से पीड़िता समेत नौ गवाह पेश किए गए। अदालत ने दोषी दंपती को सश्रम उम्रकैद की कठोर सजा सुनाई है। साथ ही, दोनों आरोपियों को 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। जब अदालत ने दम्पती को सजा सुनाई तो पीड़ित परिवार भावुक हो गया। कहा-न्याय की जीत और पापियों को सजा मिली।

