
लालबत्ती क्षेत्र बनता जा रहा कैंट स्टेशन और आसपास का एरिया
खुलेआम नकाबपोश महिलाओं का चल रहा ‘जंगलराज‘, लाठियों से हो रही पिटाई




पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के प्रमुख स्टेशन वाराणसी का चेहरा बदरंग और घिनौना हो चुका है
वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस में कभी लालबत्ती क्षेत्र के नाम से मंडुवाडीह प्रसिद्ध था। बड़े आंदोलन हुए और बनारस की पुलिस ने दावा किया कि यह कलंक मिट गया है। लेकिन इससे बड़ा ‘कलंक‘ काशी के माथे पर लग गया। यह कलंक करीब दस साल पुराना है। कैंट स्टेशन और रोडवेज पर प्रशासनिक और पुलिस के अलावा आरपीएफ की भी तैनाती होती है। इसके बावजूद ‘वैश्यावृत्ति करनेवाली महिलाओं का गुंडाराज‘ चल रहा है। लगातार शिकायतों के बावजूद पुलिस का कोई कड़ा एक्शन नही।


इसका मतलब इस गिरोह की संरक्षणदाता पुलिस ही है। वर्ना क्या मजाल कि यहां कोई कानून हाथ में लेने की हिमाकत कर दे। अब नया वीडियो जारी हुआ है। इसमें कथित नगर बधुएं लाठियों से सरेआम पीटती नजर आ रही हैं। यह हाल में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का। हालत यह हो गई कि लोगों को अब पोस्टर लगाकर इसका विरोध करना पड़ रहा है। काशी में जगह-जगह वेश्यावृत्ति के खिलाफ पोस्टर लग गया है। यह पोस्टर कैंट रेलवे स्टेशन के सामने परेड कोठी क्षेत्र के घरों के बाहर लगाया गया है। स्थानीय लोगों ने खुलेआम वेश्यावृत्ति से तंग आकर पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर के जरिए काशी में खुलेआम वेश्यावृत्ति पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है।


स्थानीय लोगों के अनुसार नकाबपोश महिलाओं से लोग परेशान हैं। इनकी हरकतों के कारण शरीफ घर के लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। वैश्यावृत्ति का धंधा करनेवाली इन युवतियों और महिलाओं का गिरोह सिगरा थाना क्षेत्र के इंग्लिशिया लाईन, परेडकोठी से लगायत रोडवेज तक है। नकाबपोश महिलाओं को अड्डा रोडवेज पुलिस चौकी से कुछ मीटर की दूरी है। वाराणसी ही नही आसपास के जिलों के युवा यहां आते हैं। यहां आटो चालको, सिगरा पुलिस, महिलाओं और उनके भड़ुओं का गिरोह सक्रिय है। आयेदिन इन नकाबपोश महिलाओं के हुड़दंग का वीडियो वायरल होता रहता है। लेकिन काशी के सम्मान, बाबा विश्वनाथ की महिमा का डायलाग बोलनेवाले पुलिस कमिश्नर और उनके मातहतों को यह दिखाई नही देता।

इस क्षेत्र की मनीषा ठाकुर और अभय प्रताप सिंह बताते हैं कि स्थिति घोर नारकीय हो चुकी है। घर से निकलना मुश्किल हो गया है। यहां तो नगर बधुओं का ही राज दिखाई देता है। पहले मंडुवाडीह बदनाम था अब कैंट स्टेशन और आसपास का क्षेत्र बदनाम हो चुका है। गेस्ट हाउस, होटल और रेस्टोरेंट के नाम पर यह धंधा जोरशोर से जारी है।

