सीतापुर में पत्रकार हत्याकांड का प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने लिया संज्ञान, UP सरकार से मांगा जवाब




दिल्ली, भदैनी मिरर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या का प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्वतः संज्ञान ले लिया है. पीसीआई ने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है. पत्रकार हत्याकांड को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है. इस मुद्दे को सपा के सांसद ने लोकसभा में भी उठाया था.

पीसीआई की अध्यक्ष रंजना प्रकाश देसाई ने राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार से उसके मुख्य सचिव, सचिव, गृह (पुलिस) विभाग, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट (सीतापुर), उत्तर प्रदेश के माध्यम से मामले के तथ्यों पर रिपोर्ट मांगा है.

सीबीआई जांच की मांग
समाजवादी पार्टी के धौरहरा से सांसद आनंद भदौरिया ने 10 मार्च को शून्यकाल में कहा कि राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की जा रही है, इससे राज्य में कानून-व्यवस्था का पता चलता है. उन्होंने आगे कहा कि परिवार में उनके पिता बीमार रहते है, पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चे है. मृतक पत्रकार की पत्नी को सरकारी नौकरी, 50 लाख रुपए मुआवजा और सम्पूर्ण घटना की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से करवाई जाए.
यूपी ने जंगलराज
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने हत्या के अगले ही दिन 9 मार्च को सीतापुर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिजनों को सांत्वना दी. भरोसा दिया कि कांग्रेस पत्रकार परिवार के साथ खड़ी है. अजय राय ने कहा कि यूपी में जंगलराज चल रहा है. जब सच दिखाने वाला पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े होंगे ही. अजय राय ने सरकार से हत्यारों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग की है साथ ही मृतक परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार में उनकी धर्म पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की.
सपा ने भी उठाये सवाल
समाजवादी पार्टी ने भी अपने एक्स हैंडल से घटना पर सरकार को घेरा है. समाजवादी पार्टी ने एक्स पर लिखा की- "क्या यही है 'डबल इंजन' सरकार की कानून व्यवस्था? पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई को गोलियों से भून दिया गया और सरकार खामोश है। अगर एक पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा? दोषियों के खिलाफ हो कठोरतम कार्रवाई।


