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नितेश सिंह बबलू हत्याकांड में फिर खुलेगा केस, CBCID को कोर्ट का आदेश, बढ़ सकती है सफेदपोशों की मुश्किलें  

पांच साल बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में सीबीसीआईडी को दी अग्रिम विवेचना की जिम्मेदारी

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Nitesh Singh Hatyakand
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वाराणसी, भदैनी मिरर। पूर्वांचल की राजनीति और आपराधिक गठजोड़ से जुड़ा चर्चित नितेश सिंह बबलू हत्याकांड अब फिर से चर्चा में है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने इस बहुचर्चित हत्याकांड में CBCID के ASP को अग्रिम विवेचना का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह विवेचना हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में कराई जा रही है और दो माह के भीतर रिपोर्ट सौंपना अनिवार्य होगा।

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यह आदेश मृतक के भाई अकलेश कुमार सिंह द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद जारी हुआ। वकील अजय सिंह ने पीड़ित परिवार की ओर से अदालत में पैरवी की।

हत्या की वारदात और जांच में देरी
30 सितंबर 2019 की दोपहर शिवपुर स्थित सदर तहसील के सामने बबलू अपनी बुलेटप्रूफ SUV में बैठने ही वाले थे कि तभी शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी। छह गोलियां लगने के बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। 
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बबलू की हत्या को लेकर तत्कालीन जांच पुलिस स्तर पर सुस्त रही। इसके चलते हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBCID को सौंप दी थी। अब उसी जांच को फिर से प्रारंभ किया जाएगा।
शूटर गिरधारी का एनकाउंटर और कनेक्शन
मुख्य शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर को पुलिस ने 15 फरवरी 2021 को लखनऊ में मुठभेड़ में मार गिराया था। गिरधारी वही शख्स था जो मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में भी शामिल था।
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गिरधारी चोलापुर निवासी था और एक सफेदपोश नेता के फ्लैट में छिपा था। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में गिरधारी के साथ कई चर्चित अपराधियों और नेताओं को भी देखा गया था।
कौन थे नितेश सिंह बबलू?
  • मूल निवासी: ओदरा गांव, थाना धानापुर, चंदौली
  • निवास: आशापुर, सारनाथ
  •  पेशे: वन विभाग में ठेकेदारी, सहेली नाम से बस सेवा
  • रसूख: गाजीपुर, सोनभद्र और वाराणसी में मजबूत पकड़
बबलू के पिता वन विभाग से रेंजर पद से रिटायर हुए थे। नितेश सिंह की छवि एक रसूखदार और सामाजिक व्यक्ति की थी।
अदालत के आदेश के बाद CBCID अब दोबारा पूरी घटना की जांच करेगी, जिसमें पुराने सबूतों के साथ नए एंगल से भी पड़ताल होगी। माना जा रहा है कि इससे कई सफेदपोश और रसूखदार लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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