Movie prime
Ad

मेरठ में किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर 63 लाख की ठगी, दो डॉक्टर समेत पांच पर FIR, मरीज की गई जान

Ad

 
FIR
WhatsApp Group Join Now
Ad

Ad

Meeruth : उत्तर प्रदेश के मवाना क्षेत्र की रहने वाली मनीषा अग्रवाल ने दिल्ली के दो डॉक्टरों समेत पांच लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। मनीषा का आरोप है कि उसके बीमार पति के किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर इन लोगों ने उनसे कुल 63 लाख रुपये ठग लिए और अंत में उनके पति की जान भी नहीं बचाई जा सकी। 

Ad
Ad

जानें पूरा मामला


मनीषा के पति बोधराज अग्रवाल पिछले दो सालों से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और मेरठ में नियमित डायलिसिस करवा रहे थे। मवाना के ही एक डॉक्टर हयात ने उन्हें दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी और अपनी जान-पहचान वाली महिला हसन जहरा व उसके पति अदनान (निवासी जामिया नगर, दिल्ली) से मिलने की बात कही।

Ad
Ad

व्हाट्सऐप पर शुरू हुई बातचीत, ठगी की पटकथा तैयार

11 अक्टूबर को जहरा और अदनान से व्हाट्सऐप पर बात हुई। उन्होंने बोधराज की मेडिकल रिपोर्ट ली और इलाज के लिए पैसे जुटाने को कहा। मनीषा ने जेवर और संपत्ति बेचकर किसी तरह 63 लाख रुपये इकट्ठा किए। आरोपी जोड़े ने अवनीश नामक एक डोनर से मिलवाया और इलाज के नाम पर अलग-अलग खातों में लाखों रुपये मंगाए।

Ad

फर्जी डॉक्टर से कराई बात
इसके बाद उन्होंने मनीषा की बात डॉक्टर महेश शर्मा नामक एक शख्स से करवाई, जिन्होंने इलाज के लिए और पैसों की मांग की। 1 जून को बोधराज को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया और डायलिसिस की गई, लेकिन फिस्टुला खुल जाने से उनकी हालत और खराब हो गई। जैसे-तैसे जान बचाई गई।

फ्लैट किराए पर दिलवाया, लेकिन खर्चा भी पीड़िता पर डाल दिया गया

इलाज के नाम पर अर्जुन नगर में एक फ्लैट किराए पर दिलाया गया और कहा गया कि इलाज के दौरान छह महीने तक यहीं रहना होगा। किराया देने का वादा भी किया गया, लेकिन एक पैसा नहीं दिया गया।

life line hospital new

इलाज की तारीख मिली, लेकिन फिर बहाना बना दिया

18 जून को फिर से भर्ती किया गया और ट्रांसप्लांट की तारीख 22 अगस्त तय की गई। पर बाद में यह कहकर टाल दिया गया कि कोलकाता रेप केस के चलते वहां हड़ताल चल रही है। बाद में जब मनीषा रिपोर्ट्स लेने गईं, तो पता चला कि पूरा मामला धोखाधड़ी का था।

मौत के बाद भी नहीं मिला न्याय


जैसे ही बोधराज को सच्चाई पता चली, वे मानसिक रूप से टूट गए। 29 सितंबर को उन्हें मेरठ में भर्ती कराया गया, जहां से दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मनीषा ने सफदरजंग थाने में मामला दर्ज कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उल्टा वहां के एसएचओ और एसआई ने 22.70 लाख रुपये में समझौता कराने की कोशिश की, पर आज तक एक पैसा भी वापस नहीं मिला।

पूर्व फौजी से भी बड़ा फर्जीवाड़ा


एक अन्य मामला कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में सामने आया, जहां पूर्व सैनिक आदेश कुमार से डेयरी कारोबारी राधेश्याम ने 96 लाख रुपये की ठगी की। आरोपी ने उन्हें जमीन दिखाकर नकली कागजात पर डील पक्की की और कई बार में 96 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। बार-बार कहने पर भी जमीन का बैनामा नहीं हुआ। जब जांच कराई गई, तो पता चला कि दस्तावेज फर्जी थे।

Ad

Ad

FROM AROUND THE WEB