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साड़ी कारोबार में साझेदारी के नाम पर धोखाधड़ी, 65 लाख रुपए हड़पने के मामले में आरोपी को अग्रिम जमानत

प्रयागराज निवासी उमंग ग्रोवर को वाराणसी अदालत से मिली राहत, कोर्ट ने गिरफ्तारी की दशा में 2 लाख के निजी मुचलके पर रिहा करने का दिया आदेश

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Anuj Yadav
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वाराणसी,भदैनी मिरर। साड़ी के कारोबार में साझेदारी के नाम पर एक करोड़ से अधिक की धनराशि लेने और बाद में 65 लाख रुपए हड़पने के मामले में प्रयागराज निवासी उमंग ग्रोवर को वाराणसी की अदालत से अग्रिम जमानत मिल गई है।

अपर जिला जज (पंचम) यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने आदेश दिया कि यदि पुलिस उमंग ग्रोवर को गिरफ्तार करती है, तो उसे एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा किया जाए।

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मामले की पृष्ठभूमि:
परिवादी पियूष वर्मा ने अदालत में दर्ज कराए गए परिवाद में बताया कि वर्ष 2015 में उमंग ग्रोवर अपनी पत्नी पूजा ग्रोवर के साथ वाराणसी में एक पार्टी में मिला था। उस दौरान उसने खुद को प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित एक साड़ी शोरूम का संचालक बताया और व्यापार में साझेदारी के लिए धन निवेश की बात कही।

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पियूष वर्मा ने कुल ₹1,20,50,000 की राशि लोन, फिक्स्ड डिपॉजिट, संपत्ति बिक्री और RTGS/NEFT के जरिए विभिन्न तिथियों में उमंग को दिए। शुरुआत में 2 लाख रुपए का भुगतान हुआ, लेकिन बाद में भुगतान बंद हो गया।

सुलह और वादाखिलाफी:
2018 के बाद कई बार पैसे की मांग करने पर भी उमंग और उसकी पत्नी ने कोई जवाब नहीं दिया। बाद में आपसी मित्रों की मध्यस्थता से 28 दिसंबर 2020 को एक सुलहनामा तैयार हुआ, जिसमें उमंग ने 31 जुलाई 2021 तक शेष ₹1.07 करोड़ लौटाने की बात लिखित रूप से मानी। लेकिन उसने केवल ₹65 लाख लौटाए और शेष राशि नहीं दी।

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स्टांप पेपर पर भी दिया गया वादा:
31 मार्च 2023 को ₹100 के स्टांप पर उमंग ने लिखा कि उसके ऊपर 65 लाख रुपए बकाया हैं और वह हर माह ₹65,000 ब्याज के रूप में देता रहेगा। लेकिन इसके बावजूद, उसने न मूलधन चुकाया न ही ब्याज दिया।

अदालत में बचाव पक्ष की दलीलें:
वरिष्ठ अधिवक्ताओं अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और नितेश सिंह ने आरोपी की ओर से पक्ष रखा, जिसके आधार पर अदालत ने गिरफ्तारी की दशा में अग्रिम जमानत की अनुमति दे दी।

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