होली के दिन कपड़ा फाड़ने के विरोध में मनबढ़ों ने युवक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, मौत, परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल




वाराणसी: होली के दिन अस्सी घाट के पास एक दर्दनाक घटना घटी, जहां कपड़ा फाड़ने का विरोध करने पर दबंगों ने युवक पर जानलेवा हमला कर दिया। ईंट-पत्थरों से सिर कुचलने के बाद आरोपी उसे दौड़ाते हुए रविंद्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल तक ले गए और बेरहमी से पीटा। गंभीर रूप से घायल युवक संदीप मिश्रा को मकबूल आलम रोड स्थित अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन शनिवार को उसकी मौत हो गई।

हमलावरों की गिरफ्तारी, लेकिन पोस्टमार्टम नहीं
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया। परिवारवालों की नाराजगी के बावजूद, शव का अंतिम संस्कार रात में चौबेपुर के चांदपुर घाट पर कर दिया गया।

कैसे हुई घटना?
रोहनिया के मड़ाव निवासी प्रियांशु सिंह अपने दोस्त छोटू के साथ रेस्टोरेंट का सामान लेने अस्सी घाट जा रहा था। वहां करीब 10 युवक होली खेल रहे थे। इसी दौरान कुछ दबंगों ने जबरदस्ती कपड़े फाड़ने की कोशिश की। प्रियांशु ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। घबराकर उसने अपने होटल मैनेजर संदीप मिश्रा को फोन कर मदद के लिए बुलाया। संदीप के पहुंचते ही हमलावरों ने उस पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया और करीब 25-30 की संख्या में उसे दौड़ा लिया।

संदीप जान बचाने के लिए रविंद्रपुरी की ओर भागा, लेकिन हमलावरों ने एक निजी अस्पताल के पास उसे पकड़ लिया और बुरी तरह पीटा। सिर पर पटिया से वार किया गया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।
परिजनों का आरोप, पुलिस ने नहीं की मदद
घटना के बाद संदीप के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। मृतक के पिता रमेश मिश्रा ने कहा कि भेलूपुर पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि संदीप को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाने के बजाय निजी अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया? उन्होंने दावा किया कि संदीप की मौके पर ही मौत हो गई थी, लेकिन उसे बिना वजह वेंटिलेटर पर रखा गया।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि मामले की जांच एसीपी भेलूपुर कर रहे हैं। पोस्टमार्टम न होने को लेकर भी जांच जारी है। पुलिस प्रेम प्रसंग समेत सभी संभावित कारणों की पड़ताल कर रही है।

