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वाराणसी: पकड़ा गया फर्जी सिम बेचने वाला गैंग, 71 सिम कार्ड समेत चार गिरफ्तार

लालपुर-पाण्डेयपुर पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी सिम बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़, बायोमेट्रिक मशीन और मोबाइल भी बरामद।

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वाराणसी,भदैनी मिरर। साइबर अपराध पर वाराणसी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। साइबर सेल और थाना लालपुर-पाण्डेयपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 71 सिम कार्ड (60 अनएक्टिवेटेड और 11 एक्टिवेटेड), एक बायोमेट्रिक मशीन, 4 एंड्रॉइड मोबाइल और ₹18,490 नकद बरामद किया गया। घटना का खुलासा डीसीपी क्राइम सरवणन टी, एडीसीपी साइबर नीतू काद्यान और एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी। 

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डीसीपी ने बताया कि गैंग के सदस्य कम पढ़े-लिखे लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। वे उनसे सिम लेने या सिम पोर्ट कराने के बहाने उनका डबल केवाईसी (E-KYC और D-KYC) कराते थे। इसी दौरान उनके नाम पर एक फर्जी सिम एक्टिवेट कर लिया जाता और बाद में उसे दिल्ली समेत अन्य राज्यों में साइबर अपराधियों को कूरियर या बस से भेज दिया जाता, जिसका इस्तेमाल ठगी और साइबर अपराध में होता था। डीसीपी ने बताया कि यह प्री-एक्टिवेटेड सिम जो 100-150 रूपये में बाजार में उपलब्ध है उसे यह 1000-1500 रुपये में बेचते थे। 

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डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुनील यादव निवासी आज़मगढ़ (वर्तमान पता – पाण्डेयपुर),, शुभम अग्रहरी उर्फ गोपाल निवासी नई बस्ती पाण्डेयपुर, नेयाज अहमद निवासी कटेहर पीली कोठी, थाना जैतपुरा, और अरुण त्रिपाठी निवासी हरतीरथ, थाना कोतवाली के रूप में हुई है। 

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गैंग पर होगी पर गैंगस्टर की कार्रवाई 

डीसीपी ने बताया कि यह गैंग कोविड के बाद वर्ष 2022 के बाद फर्जी सिम बेचने का कार्य शुरू किया। पकडे गए गैंग से पूछताछ के बाद अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है, उन्हें भी पकड़ा जायेगा। सभी अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस ने संबंधित टेलीकॉम कंपनी को पीओएस एजेंट का लाइसेंस रद्द करने के लिए सूचित किया है।

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